एससी / एसटी एक्ट : सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर अटल
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एससी/एसटी एक्ट मामले में दिए अपने फैसले पर फिलहाल रोक लगाने या बदलाव करने इनकार कर दिया है.
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करके कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. जिस पर आज दोपहर सुनवाई हुई. कोर्ट ने फैसले पर स्टे देने से इंकार करते हुए इस मामले में सभी पक्षों से अपने जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.
सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी चिंता उन बेकसूर लोगों को लेकर है, जो बिना गलती के जेल में है, हम एक्ट के खिलाफ नही है, हमारी चिंता एक्ट के दुरुपयोग को लेकर है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सोमवार को दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था, इसमें भारी हिंसा हुई थी. जिस के बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मंगलवार को भारत बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और जान-माल के नुकसान का हवाला दिया था और तत्काल सुनवाई की अपील की थी, जिसके बाद न्यायालय सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के दुरुपयोग को रोकने को लेकर गाइडलाइन जारी की थीं जो फौरन लागू हो गई थी. इस गाइडलाइन के अनुसार सरकारी कर्मी की तुरंत गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत से होगी. आम लोगों के लिए एक्ट के तहत आरोपी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, तो उनकी गिरफ्तारी एसएसपी की इजाजत से होगी. अदालतों के लिए अग्रिम जमानत पर मजिस्ट्रेट विचार करेंगे और अपने विवेक से जमानत मंजूर या नामंजूर करेंगे.