मणिपुर में बन सकती है बीजेपी की सरकार
इंफाल
मणिपुर में कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी पहली बार राज्य में सरकार बनाने से कुछ ही कदम दूर है| हालांकि सरकार बनाने के लिए बीजेपी को नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (NPP) और नगा पीपल्स फ्रंट के समर्थन की आवश्यकता है| यह दोनों केंद्र में एनडीए और नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलाइंस के घटक दल है|
60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा चुनाव में दोनों ही बड़ी पार्टियाँ 31 के जादुई आंकड़े को पार नहीं कर पाई है| जहां कांग्रेस 28 सीटों के साथ जादुई आंकड़े के करीब है वहीँ बीजेपी को 21 सीटें हासिल हुई है| हालांकि बीजेपी नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (NPP) और नगा पीपल्स फ्रंट के सहयोग से सरकार बनाने का दावा कर रही है जिनके पास चार-चार सीटें है| जबकि एनडीए की पार्टनर LJP, TMC और निर्दलियों के पास एक-एक सीट है| NPF, NPP और LJP ने अलग-अलग से विधानसभा चुनाव लड़ा|
बीजेपी नेता तथा मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक एन. बिरेन ने कहा, “मणिपुर में अगली सरकार हमारी ही होगी| NPP को चार सीटें मिली है, LJP ने भी एक सीट जीता है| हालांकि इन पार्टियों ने अलग-अलग से चुनाव लड़ा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि एनडीए सरकार के पार्टनर होने के नाते सब साथ आएंगे| हम TMC और निर्दलीय उम्मीदवारों से भी बात करेंगे|”
2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार सत्ता में आई बीजेपी ने पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी अपनी जड़े मजबूत करने की ठानी थी| 2012 के विधानसभा चुनाव में यहाँ बीजेपी की हालत ऐसी थी कि एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं कर पाई थी| लेकिन 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार आन के बाद पार्टी मजबूत होने लगी| 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने पूर्वोत्तर में अपनी जड़े मजबूत करने की आवश्यकता पर विचार किया|
2016 के असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की भारी जीत के बाद पार्टी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी| मणिपुर में भी ओकरम इबोबी सिंह नीत कांग्रेस सरकार के कुशासन को ही मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया गया|