नई दिल्ली
SIT की शुरुआती रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार की ओर से उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. विधायक के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
उधर FIR दर्ज होने के बाद पीड़िता के चाचा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे इससे खुश हैं, लेकिन इतने भर से काम नहीं चलेगा. अगर सही समय पर मुकदमा दर्ज होता तो आज मेरे बड़े भाई जिंदा होते.
आपको बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने 11 अप्रैल को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने और बांगरमऊ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके समर्थकों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद ही यह सारी कारवाई हुयी है.
उधर राज्य सरकार ने उन्नाव के CMS डॉ. डीके द्विवेदी और इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (EMO) प्रशांत उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया है. पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉ. मनोज कुमार, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. वहीं सफीपुर के सीओ को भी सस्पेंड करने का फैसला किया गया है.
प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिए हैं. आपको बता दे कि पीड़िता का परिवार बार-बार अपनी जान को खतरे की बात करता रहा है. प्रशासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से मामले में रिपोर्ट तलब की थी. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने ये बड़ा फैसला लिया है.
सरकार ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच भी सीबीआई से कराने का फैसला किया है. बयान में कहा गया कि पीड़िता के पिता की मौत से संबधित घटनाओं की जांच भी सीबीआई को सौंपी जाएगी. ये फैसले मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( लखनऊ जोन ) के अधीन गठित विशेष जांच टीम के सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद लिए गए.