बोड़ो समझौता क्रियान्वयन पर त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन
नई दिल्ली
दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में गुरुवार को बोड़ो समझौता क्रियान्वयन के पुनरीक्षण के लिए त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया गया| केंद्र और बोड़ो नेताओं के बीच हुई इस बैठक में 31 दिसंबर तक बीटीसी को राहत तथा पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग सौंपे जाने पर सहमती बन गई है|
बैठक की अध्यक्षता संयुक्त सचिव (उत्तर-पूर्व) सत्येंद्र गर्ग ने की| बैठक में बीपीएफ के नेता चंदन ब्रह्म और राज्य सभा के सांसद विश्वजीत दैमारी भी उपस्थित थे| इधर असम सरकार की ओर से राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव एलएस चांग्सन, विभिन्न विभाग के अधिकारियों समेत डोनर मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे|
राहत तथा पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग को बीटीसी प्रशासन को सौंपे जाने के संदर्भ में यह सहमती बनी है कि इन दोनों विभागों को निर्धारित समयसीमा के भीतर राज्य सरकार बीटीसी प्रशासन के हवाले कर देगी| संयुक्त सचिव (उत्तर-पूर्व) सत्येंद्र गर्ग अगली पुनरीक्षण बैठक के लिए आगामी 27 अक्टूबर को कोकराझाड़ के दौरा करेंगे|
इस बीच कार्बी आंगलांग और नॉर्थ कछार पहाड़ी जिलों में रहने वाले बोड़ो लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर एक नया विधेयक बनाने और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा उसे पारित किए जाने का निर्णय लिया गया| संसद में पहले से लंबित विधेयक में कई तकनीकी खामियां है जिस वजह से यह निर्णय लिया गया है|
बैठक में छठी अनुसूची में शामिल इलाकों में केंद्रीय राशि को लेकर सही दिशा-निर्देश के आभाव पर भी विचार किया गया| बीपीएफ नेताओं ने भूटान से सटे अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हाईवे निर्माण का मुद्दा भी बैठक में उठाया| प्रस्तावित हाईवे अंतर्राष्ट्रीय सीमा में पश्चिम बंगाल को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ेगा|
इसके अलावा बैठक में हिमालय की गोद में बसी 29 नदियों में भू-कटाव की समस्या पर भी चर्चा की गई| ब्रह्मपुत्र बोर्ड इस संबंध में WAPCOS को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपेगा|
इससे पहले 4 मई को त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया था जिसमें आब्सू समेत अन्य बोड़ो संगठनों के 15 सदस्य उपस्थित थे|