बोकाखाट की शान- पेड़ा और पूरी
बोकाखाट
By Ajit Jaiswal
बोकाखाट के पेड़े पूरे असम मे मशहूर है| जो लोग यहाँ के पेड़े एक बार खा लेते है वोह उसे बार बार खाना चाहते हैं| स्वादिष्ट पेड़े की खासियत यह है कि अगर आप पेड़े का एक टुकरा मुंह में लिया तो फिर चार पांच पेड़े खाए बिना खुद को रोक नहीं पाएंग|
राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के किनारे बसा है बोकाखात शहर, और यही राजमार्ग यहाँ के लोगों के लिए पैसे कमाने का ज़रिया भी है| राजमार्गे के किनारे यहाँ कई छोटे बड़े होटल हैं| यात्री जब भी यहाँ से गुजरते है वेह अपने परिवार के लिए पेड़े खरीदना नहीं भूलते| असम के कई फिल्म जगत के सितारे, गायक, बड़े बड़े राजनेता यहाँ से गुजरते वक़्त पेड़े का स्वाद जरुर चखते है|
पेड़े की तरह यहाँ और एक चीज़ मशहूर है वो है यहाँ का गरमा गरम पूरी जो केले के पत्ते मे परोसे जाते है| केले के पत्ते में परोसे पूरी खाने का स्वाद ही कुछ अलग होता है इसी लिए पैसे वाले लोग भी यहाँ पूरी खाना नहीं भूलते, और भूले भी क्यों कि होटलों में साफ़ सफाई का पूरा पूरा ख्याल जो रखा जाता है| बाद में उन केलों के पत्तों को कचरे में नहीं फेंका जाता है बल्कि यह जानवरों को खाने के रूप में परोस दिया जाता है| यही कारण है कि बोकाखाट से गुजरने वाले यात्रियों के अलावा यहाँ के निवासी भी दिन भर में एक बार गरमा गरम पूरी खाने के लिए होटल का रुख ज़रूर करते हैं|
अंत में एक काम की बात आप को बता दें| यहाँ के कुछ व्यपारी आये दिन बढ़ते पेड़ों की मांग को देखते हुए मिलावटी पेड़ों का कारोबार को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं| और कई दुकाने ऐसी खुल गयीं हैं जहां मिलावटी पेड़े बेचे जाते हैं| आप जब भी बोकाखाट से पेड़े खरीदें तो ऐसे व्यपारियों से सावधान रहें|