पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र प्रतिबद्ध – राजनाथ सिंह
आइजल
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि केंद्र पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेषकर सीमावर्ती इलाकों में विकास योजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है| सोमवार को उन्होंने म्यांमार के साथ सीमा साझा करने वाले चार पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की|
बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र मानव एवं प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है और इसकी जातीय एवं भाषाई विविधता भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाती है| उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध है| सड़क और रेल नेटवर्क विस्तार पर काम चल रहा है| हम सीमावर्ती क्षेत्रों तक इन नेटवर्क को बढ़ाना चाहते हैं|
यह बैठक भारत-म्यांमार सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी, जिसमें गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू के अलावा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों क्रमशः पेमा खांडू, एन. बिरेन सिंह और ललथानहवला तथा नागालैंड के गृह मंत्री यानथुंगा पातोन शामिल हुए|
सिंह ने कहा, भारत-म्यांमार सीमा कई मामलों में अद्वितीय है| इसमें दोनों तरफ 16 किलोमीटर में रह रहे लोगों के लिए वीजा मुक्त आवागमन की व्यवस्था है|
1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करने वाले असम राइफल्स की प्रशसा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि असम राइफल्स सहस और दृढ़ता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहा है|
गृह मंत्री ने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत म्यांमार सीमा से लगे चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम को बीते तीन महीनों में 567.39 करोड़ रूपए मिले|
यह पहली बार है जब राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ म्यांमार सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए ऐसी बैठक बुलाई गई है|