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ज़रूर पढ़िए- ISIS के चंगुल से आज़ाद हुए भारतीय डॉ. राममूर्ति की आप बीती

नई दिल्ली

लीबिया में आइएसआइएस  ISIS के चंगुल से आज़ाद हुए भारतीय डॉ. राममूर्ति कोसानम आब भारत वापस आ गए हैं. करीब 18 महीने तक आइएसआइएस ने उन्हें अपना बंधक बना रखा था. भारत पहुँच कर सब से पहले उन्हों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आभार जताया और फिर सुनायी अपनी आप बीती.

डॉ. राममूर्ति ने बताया कि आइएसआइएस के आतंकियों ने उन्हें 3 बार गोली मारी और काफी भला बुरा भी कहा. आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों ने मुझे ऑपरेशन थिएटर में जाकर सर्जरी करने और टांके लगाने के लिए जबरदस्ती की लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया. आतंकियों ने कभी मुझे मारा पीटा नहीं लेकिन वे गाली देते थे. वे पढ़े-लिखे थे और भारत के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं.

आइएसआइएस ने मुझे करीब दो महीने तक अपनी सेंट्रल जेल में रखा. जेल में मैं दो अन्य भारतीयों से मिला. उन्हें भी पकड़ लिया गया था और वे दो महीने से जेल में ही थे. आतंकियों ने मुझे वीडियो दिखाए जिसमें दिखाया गया था कि उन्होंने ईराक, सीरिया और नाइजीरिया में क्या किया. यह देखना बहुत मुश्किल था. वहाँ से मुझे एक अंडरग्राउंड जेल में ले गए. इस तरह मुझे कई जेलों में शिफ्ट करते रहे.

राममूर्ति ने बताया कि एक दिन जब सेना उसी बिल्डिंग के पास पहुंची, जहां हमें रखा गया था तो हमने चिल्लाना शुरू किया. फिर मुझे बचा लिया गया. उन्होंने बताया कि आइएसआइएस के लोग सूइसाइड बेल्ट लगाकर रखते हैं, जिससे लगभग 100 लोग मारे जा सकते ह

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