मणिपुर विधान सभा चुनाव- इरोम शर्मीला दे सकती हैं टक्कर
इम्फाल
पूर्वोत्तर के 60 विधानसभा वाले राज्य मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में 4 मार्च को 38 सीटों के लिए, जबकि दूसरे चरण में 8 मार्च को 22 सीटों के लिए चुनाव होंगे । इस वक़्त राज्य में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है, साथ ही ओकराम इबोबी सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं, कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 50 सीटें हासिल की थीं।
इस बार मणिपुर का विधानसभा चुनाव कई मामलों में खासा मायने रखता है, राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के लिए इस बार चुनाव जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर जहां कांग्रेस की स्थिति डमाडोल है वहीं पूर्वोत्तर में असम और अरुणाचल में अपनी सरकार बनाने के बाद बीजेपी अब मणिपुर में भी अपनी सरकार बनाने की रणनीती पर काम शुरू कर दी है.
इस बार मणिपुर के विधान सभा चुनाव में सब से बड़ा नाम इरोम शर्मीला का हो सकता है. Armed Forces Special Power Act यानी शस्त्र बल विशेष अधिकार कानून को हटाने की मांग को लेकर 16 साल तक लगातार अनशन कर चुकी इरोम शर्मिला अब राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं.
अगस्त के महीने में अनशन तोड़ने के बाद अक्टूबर महीने में इरोम शर्मीला ने पीपुल्स रिसर्जेस एंड जस्टिस अलायंस नामक अपनी पार्टी का गठन कर चुकी हैं। शायद इस बार के चुनाव में मुख्य मुद्दा भी Armed Forces Special Power Act ही हो सकता है. अगर यह एक्ट मुद्दा बनता है तो इस में कोइ शक नहीं की इरोम को जनता का साथ मिल सकता है. क्योंकि अब तक कोई भी पार्टी इस एक्ट को खत्म करने की बात नहीं करती है.