पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी का निधन. उन्होंने 93 साल की उम्र में एम्स में अंतिम सांस ली. एम्स की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि उनका गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया. पिछले 36 घंटे में उनकी सेहत बिगड़ गई.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था . वाजपेयी 11 जून को किडनी, नली में संक्रमण, सीने में जकड़न और पेशाब की नली में संक्रमण होने के चलते एम्स में भर्ती कराए गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाजपेयी की तबीयत के बारे में जानकारी लेने के लिए आज दो बार एम्स गए थे.
भारतीय जनसंघ की स्थापना में भी उनकी अहम भूमिका रही. वे 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे. आजीवन राजनीति में सक्रिय रहे अटल बिहारी वाजपेयी लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन भी करते रहे. वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित प्रचारक रहे और इसी निष्ठा के कारण उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था. सर्वोच्च पद पर पहुंचने तक उन्होंने अपने संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया.
भूली बिसरी यादें , हर सभा से पहले मिस्री खाते थे
करीब तीन दशक तक भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और हर दिल अजीज नेता लखनऊ से पांच बार सांसद रहे. स्वभाव से बेहद मिलनसार रहे अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्त्व में कई ऐसी बातें हैं जो उन्हें दूसरे नेताओं से जुदा बनाती हैं. अटलजी हर सभा से पहले मिश्री खाते थे और रास्ते में खड़े लोगों से रुक-रुककर जरूर मिलते थे.
कलम के जादूगर थे वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी न सिर्फ प्रखर राजनेता और ओजस्वी वक्ता हैं बल्कि कलम के जादूगर भी हैं. उन्होंने एक से बढ़कर एक कई कविताएं लिखीं. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इन कविताओं का इस्तेमाल अपने भाषणों में भी खूब करते थे. जनता ने जितना प्यार और सम्मान उन्हें बतौर पीएम और नेता के रूप में दिया उतना ही सम्मान उनकी कविताओं को भी मिला. उनकी कविताएं महज चंद पंक्तियां नहीं बल्कि जीवन का नजरिया हैं, समाज के ताने-बाने के साथ आगे चलने की प्रेरणा हैं और घोर निराशा में भी आशा की किरणें भरने वाली हैं. पेश है उन की कविता की कुछ पन्तियाँ
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए.
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है.
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई.
मौत से ठन गई.
– अटल बिहारी वाजपेयी , पूर्व प्रधानमंत्री