नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
कोर्ट ने कहा-असम और त्रिपुरा के लिए अलग से सुनवाई की जाएगी.
नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून Citizenship Amendment Act- CAA पर सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने फिलहाल कोई रोक लगाने से इनकार कर दिया. बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम बिना केंद्र सरकार की दलीलों को सुने कोई आदेश नहीं देंगे.
सुनवाई शुरू होते ही नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दलीलें पेश करते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट से गुजारिश की कि जब तक नागरिकता कानून पर कोर्ट कोई अंतिम निर्णय निर्देश नहीं देता, NPR प्रकिया को तीन महीने के लिए टाल दिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सभी याचिकाओं की कॉपी केंद्र को सौंपी जाएं, ताकि उनका अध्ययन कर वे जवाब दाखिल कर सकें. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया दे दिया. इसके बाद बाद 5वें हफ्ते में फिर इस पर सुनवाई की जाएगी.
सिब्बल और सिंघवी का कहना है कि प्रकिया पर फिलहाल रोक लगा देनी चाहिए, क्योंकि इसके तहत नागरिकता मिलने के बाद वापस नागरिकता लेना मुश्किल हो जाएगा. AG ने कहा- विशेष परिस्थितियों में नागरिकता दिये जाने के बाद वापस भी ली जा सकती है.
अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि अंतरिम रोक लगनी ज़रूरी है, अन्यथा असम की डेमोग्राफी ही बदल जाएगी. आधे से ज़्यादा वहां शरणार्थी बंगाली हिंदू हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया. इस मामले को लेकर संवैधानिक पीठ का गठन किया जाएगा.
चीफ जस्टिस ने वकीलों से असम और नॉर्थ ईस्ट के लोगों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर आंकड़ा मांगा है. कोर्ट का कहना है कि असम का मसला अलग भी किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा- असम और त्रिपुरा के लिए अलग से सुनवाई की जाएगी.