CAA Live: नागरिकता संशोधन कानून के 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
आपको बता दें कि सीएए को लेकर दो पक्ष रखे गए है, इनमें से एक पक्ष केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से रखा गया है, जिसमें इस कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है, वहीं दूसरे पक्ष के तरफ से कानून की वैधता को चुनौती दी गई है।
CAA Live: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act ) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज 144 याचिकाओं पर सुनवाई होने जा रही है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobde) की अध्यक्षतता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस पूरे मामले की सुनवाई करने जा रही है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 140 से ज्यादा दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. CAA पर फिलहाल रोक से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पांच जजों की संविधान पीठ ही अंतरिम राहत दे सकती है. केंद्र सरकार को नई याचिकाओं पर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दी है. असम और त्रिपुरा के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने अलग किया.
UPDATE
- कपिल सिब्बल बोले- 3 महीने के लिए टाल दी जाए CAA की प्रक्रिया
- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा
- किसी भी HC में नागरिकता कानून से जुड़े मसले नहीं सुने जाएंगें: SC
- CAA पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
- 3 जजों की बेंच राहत नहीं दे सकती : SC
- 5 जजों की बेंच से है उम्मीद : SC
- रोक पर फैसला संविधान पीठ लेगी: सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें कि सीएए को लेकर दो पक्ष रखे गए है, इनमें से एक पक्ष केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से रखा गया है, जिसमें इस कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है, वहीं दूसरे पक्ष के तरफ से कानून की वैधता को चुनौती दी गई है।
ज्यादातर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये कानून भारत के पड़ोसी देशों से हिंदू, बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख और जैन समुदाय के सताए हुए लोगों को नागरिकता देने की बात करता है, लेकिन इसमें जानबूझकर मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। संविधान इस तरह के भेदभाव करने की इजाजत नहीं देता।