Rape case में दोषी Asaram को गांधीनगर कोर्ट ने सुनाया उम्रकैद की सजा
हालांकि इस मामले में सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया.
अहमदाबाद- गांधीनगर की एक अदालत ने संत आसाराम को वर्ष 2013 के एक rape case मामले में उम्रकैद ( Life imprisonment ) की सज़ा सुनाई है. ”आसाराम बाबू को एडिशनल सेशन जज डीके सोनी ने 2013 से जुड़े रेप केस में उम्रकैद की सज़ा सुनाई है.” हालांकि इस मामले में सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया.
आसाराम के वकील ने मीडिया से बात चीत करते हुए बताया की वो अदालत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट जाएंगे. इससे पहले सत्र अदालत के जज डीके सोनी ने सोमवार को अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
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स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर आरसी कोडेकर के मुताबिक़ आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (सी) (यानी बलात्कार), धारा 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) और अन्य प्रावधानों के तहत पीड़िता के अवैध हिरासत के लिए दोषी ठहराया गया है.
वहीं आसाराम के वकील सीबी गुप्ता ने कहा कि, ‘इसे 2001 की घटना कहा जा रहा है, लेकिन इसकी शिकायत 2013 में दर्ज हुई है. सज़ा के बाद हमलोग विचार-विमर्श करके हाईकोर्ट में अपील दाख़िल करेंगे.’
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आप को बता दें कि, सूरत की एक महिला ने 2013 में आसाराम बापू और सात अन्य लोगों के ख़िलाफ़ बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया था. अभियुक्तों में से एक की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी.
पुलिस ने इस मामले में जुलाई, 2014 में चार्जशीट दायर की थी. अहमदाबादा के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच पीड़िता महिला से अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में स्थित आश्रम में कई बार दुष्कर्म किया था.
25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर अदालत ने ख़ुद को धर्मगुरू बताने वाले आसाराम बापू को एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में दोषी क़रार दिया था और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने से पांच साल पहले से आसाराम जेल की सलाखों में बंद हैं.
यानी कुल मिलाकर देखें तो पिछले 10 सालों से आसाराम जेल में बंद हैं.