2G स्पेक्ट्रम घोटाला: ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपी बरी
नई दिल्ली
2जी स्पेक्ट्रम मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में पूर्व संचार मंत्री ए राजा, डीएमके नेता कनिमोझी पटियाला कोर्ट पहुंचे थे. दरअसल कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है, जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का है.
सीबीआइ के पहले केस में ए राजा और कनिमोझी समेत पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा और ए राजा के पूर्व निजी सचिव भी आरोपी थे. इनके साथ स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स, यूनिटेक के प्रबंध निदेशक, रिलायंस के अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन सीनियर अधिकारी और कलैग्नर टीवी के निदेशकों पर भी आरोप था.
इस मामले में 5 दिसंबर को ही फैसला आना था. 7 नवंबर को कोर्ट ने यह कहते हुए फैसला सुरक्षित रख दिया, दस्तावेज में तकनीकी पेंच हैं. इसकी पूरी जांच करने के बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है.
तीन टेलीकॉम कंपनियां- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड पर भी इस मामले में केस चला है. अदालत ने अक्टूबर 2011 को तीनों के खिलाफ आरोप तय किये थे. सीबीआई ने राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 122 लाईसेंस के आवंटन से 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जिसे दो फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रहे ए राजा साल 2011 में लाइसेंस बांटे. इससे सरकार को घाटा हुआ. इसके अलावा आरोप था कि उन्होंने पसंदीदा कंपनियों को लाइसेंस दिया. इस मामले में जांच हुई और ए राजा को जेल जाना पड़ा. इस मामले में तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणाधि की बेटी कनिमोझी को भी जेल हुई थी. इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और उस वक्त के वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी सवाल खड़े किये गये थे. इस मामले में हंगामा तब हुआ जब ए राजा ने कहा था कि उन्होंने जो फैसला लिया उसकी जानकारी मनमोहन सिंह को थी.