नई दिल्ली
डालमिया भारत समूह ने 25 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत दिल्ले के लाल किला को पांच सालों के लिए गोद ले लिया है. इस तरह भारत सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना के तहत सबसे प्रतिष्ठित अनुबंधों में से एक को हासिल करने में सफलता हासिल कर डालमिया समूह किसी स्मारक को गोद लेने वाला भारत का पहला कॉर्पोरेट हाउस बन गया है.
‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना के तहत कुछ स्मारकों और धरोहरों के कॉर्पोरेट नियंत्रण की अनुमति देने के लिए मोदी सरकार की योजना का हिस्सा था, ताकि उनके रखरखाव और संचालन को और अधिक पेशेवर तरीके से संभाला जा सके. अनुबंध के तहत, डालमिया भारत समूह को लाल किले के आसपास, समय सीमा के तहत एक बड़े बदलाव के साथ काम करना होगा.
अनुबंध के तहत डालमिया समूह को छह महीने के भीतर कुछ बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी. इनमें पेयजल , स्ट्रीट फर्नीचर जैसे बेंच और संकेतक शामिल हैं. फिर ऐसे कार्य हैं जिन्हें एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है. इनमें टैक्टिल मैप लगाने, शौचालयों को अपग्रेड करना, लाल किले के मार्गों और बोल्डर्स, बहाली और लैंडस्केपिंग पर लाइटनिंग करना, 1,000 वर्ग फुट के विजिटर सुविधा केंद्र का निर्माण करना, लाल किले के आंतरिक और बाहरी, बैटरी के 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग, बैटरी संचालित वाहन और उनके लिए चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना शामिल है.
संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय से विशिष्ट मंजूरी मिलने के बाद लाल किले घूमने आने वाले से डालमिया समूह वसूली करेगा. कॉर्पोरेट हाउस द्वारा योजनाबद्ध गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न कोई भी राजस्व को वापस किले के विकास और रखरखाव में लगाना होगा. डालमिया समूह को अर्ध-वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए आगंतुकों को चार्ज करने की अनुमति दी जाएगी.
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