पढ़िए: सुषमा स्वराज ने बदरुद्दीन अजमल से क्यों कहा, शुक्रिया, अब आप हमें वोट करें
गुवाहाटी
विदेश मंत्री और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने जब ट्विटर पर लिखा, ‘थैंक्यू अजमल साहब, अब आप हमारे लिए वोट करें।’ तो अजमल साहब ने फ़ौरन जवाब दिया ” हमारा वोट भारत के लिए है मैडम, जिस दिन बीजेपी बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय में फर्क करना बंद कर दगी, उस दिन हम आप को कोटे देंगे “
केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के बीच ख्यालों का यह आदान प्रदान ट्विटर के माध्यम से हुआ था.
दरअसल, यरुशलम पर भारत के फिलिस्तीन का साथ देने पर बदरुद्दीन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर टैग करते हुए भारत सरकार को धन्यवाद किया था।
बदरुद्दीन अजमल ने 22 दिसंबर को ट्विटर पर लिखा, ‘यरुशलम पर अमेरिकी फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोट करने पर भारत सरकार को धन्यवाद।’ जिसका जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने बदरुद्दीन को थैंक्यू कहा। विदेश मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘थैंक्यू अजमल साहब, अब आप हमारे लिए वोट करें।’
Thank you Ajmal Sahib. Now you vote for us. https://t.co/OsQPv4PNDe
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 22, 2017
उस के जवाब में बदरुद्दीन अजमल ने ट्विट क्या और लिखा कि ‘मैडम, हमारा वोट हमेशा भारत के लिए है, जिस दिन बीजेपी बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अंतर करना छोड़ देगी, उस दिन मेरा वोट आपके लिए होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं बीजेपी द्वारा समर्थन मांगे जाने पर आभारी हूं। लेकिन बीजेपी को कभी भी समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता है। वर्तमान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण चरम पर है।’
Our vote is always for India, Madam. The day BJP does not differentiate between Majority and Minority community, our vote will be for you. https://t.co/yLoEoCazqD
— Maulana Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) December 23, 2017
आपको बता दें कि पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एआईयूडीएफ-भारतीय जनता पार्टी में मुकाबला था। बीजेपी ने कांग्रेस-एआईयूडीएफ को हराकर सरकार बनाई। एआईयूडीएफ प्रमुख और असम के धुवरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल राज्य में मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं।एआईयूडीएफ को 2016 राज्य विधानसभा चुनाव में 13 सीटें मिली थी।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महसभा में यरूसलम को इजरायल की राजधानी का दर्जा देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने की मांग वाले प्रस्ताव को गुरुवार को पारित कर दिया था। यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ।
प्रस्ताव के पक्ष में भारत सहित 128 देशों ने वोट किया जबकि नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया। वहीं, इस दौरान 35 देश गैरहाजिर रहे।