असम में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए विशेष कैंपेन
गुवाहाटी
प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना के तहत असम में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए विशेष कैंपेन लांच किया गया है| इस परियोजना के अंतर्गत असम के जिलों और शहरों में रहने वाले लोगों को गुणवत्ता युक्त दवाई उपलब्ध कराई जाएगी| मौजूदा देशभर में करीब 1500 जनौषधि केंद्र हैं|
2008 और 2014 के बीच महज 80 केंद्र खोले गए| इस साल के अंत तक 3000 जनौषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है|
केंद्रीय विज्ञान और रसायन मंत्रालय के तहत भारत के फार्मा पीएसयू (बीपीपीआई) ब्यूरो ने असम में जनौषधि केंद्र की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री को आवेदन दिया है।
देश की सर्वोच्च चिकित्सा नियामक निकाय, भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने दवाओं के ब्रांड नामों के साथ जेनेरिक दवाएं लिखने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कम लागत वाली दवाओं पर कानून होना चाहिए। एमसीआई ने डॉक्टरों को अपनी 2016 की अधिसूचना का पालन करने के लिए कहा है, जिसमें भारतीय मेडिकल काउंसिल के व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता नियमन 2002 की धारा 1.5 में संशोधन किया गया है।
सरकार आवश्यक दवाइयों की राष्ट्रीय सूची में भी संशोधन कर रही है ताकि इसमें ज्यादा दवाएं शामिल की जा सकें। सार्वजनिक दवा कार्यक्रम का भी विस्तार किया जा रहा है जिसके तहत सरकार सस्ती दरों पर आवश्यक दवाएं प्रदान करती है
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को हर जिला मुख्यालय, तहसील, ब्लॉक स्तर, बस स्टैंड आदि में प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि केंद्र खोलने के लिए सलाह दी है ताकि देश के गरीब और वंचित नागरिकों को सस्ती दवाइयों की पहुंच में वृद्धि कर सकें।