गंगटोक
तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) को सोमवार सुबह उस समय बड़ा झटका लगा जब भारतीय फुटबॉल स्टार बाईचुंग भूटिया ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. भूटिया ने खुद ट्विटर के जरिए इस बात की जानकारी दी.
बाईचुंग ने ट्वीट किया कि “आज से मैं टीएमसी के सभी बड़े पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं फिलहाल किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूं”.
बता दें कि मीडिया में लगातार इस तरह की खबरें आ रही थीं कि बाईचुंग भूटिया अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर राज्य में उपजे विवाद पर पार्टी की पोजीशन से खफा चल रहे थे.
आपको बता दें कि भूटिया ने 2013 में लोकसभा चुनावों से पहले टीएमसी जॉइन की थी. भूटिया ने 2014 में टीएमसी के टिकट से ही दार्जीलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
उन्हें लोकसभा चुनावों में दार्जीलिंग सीट से बीजेपी के एसएस अहलुवालिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
इसके बाद 2016 में भूटिया ने विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया. ममता की जबरदस्त लहर के बावजूद भी बाईचुंग जीत नहीं पाए और सिलिगुड़ी सीट से उन्हें वाममोर्चा के अशोक भट्टाचार्य ने करारी शिकस्त दी थी.
फिलहाल बाईचुंग भूटिया के तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने पर अभी तक पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
As of today I have officially resigned from the membership and all the official and political posts of All India Trinamool Congress party. I am no longer a member or associated with any political party in India. #politics pic.twitter.com/2lUxJcbUDT
— Bhaichung Bhutia (@bhaichung15) February 26, 2018
उनके बीजेपी जॉइन करने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें बीजेपी की ओर से प्रस्ताव मिले हैं. बीजेपी भूटिया के गृहराज्य सिक्किम में एसडीएफ के साथ मिलकर सरकार चला रही है. भूटिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि नई पार्टी जॉइन करने के बारे में वह आने वाले दिनों में कोई घोषणा कर सकते हैं.
बता दें कि 2011 में फुटबॉल जगत से संन्यास लेने वाले भारत के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने राष्ट्रीय फुटबाल टीम के लिए 100 मुकाबले खेले हैं. वह यूरोपीय क्लब में खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. तीन बार ‘इंडियन प्लेयर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार जीत चुके भूटिया ने आई-लीग में ईस्ट बंगाल क्लब के साथ चार सत्र तक खेल चुके हैं. अर्जुन और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भूटिया पहले ऐसे भारतीय भी हैं, जिन्होंने तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन हेतु ओलंपिक मशाल रिले का बहिष्कार किया था. 2014 में भूटिया को एशियन फुटबॉल ‘हाल ऑफ फेम’ में शामिल किया था.