नई दिल्ली
पंजाब नेशनल बैंक ने 11,330 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा है. यह मामला मुंबई के एक ब्रांच से जालसाजी के जरिए अनधिकृत ट्रांजैक्शन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में बैंक के 2 अधिकारियों के साथ बड़े ज्वैलर नीरव मोदी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है.
एफआईआर में मेहुल चोकसी का नाम भी शामिल है. इन लोगों पर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए नुकसान पहुंचाने का आरोप है. बैंक की आंतरिक कमेटी भी मामले की जांच कर रही है.
उधर मेहुल चोकसी का नाम आने पर गीतांजलि जेम्स ने अपनी सफाई में कहा है कि पीएनबी या उसके अधिकारियों से कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं किया गया है और मामले की अभी जांच चल रही है.
खबरों की माने तो इस फर्जीवाड़े के जरिए कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को फायदा पहुंचाया जा रहा था. बैंक ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचैंज को इसकी जानकारी दे दी है. बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े का असर कुछ दूसरे बैंकों पर भी देखने को मिल सकता है.
बैंक ने हालांकि इस फर्जीवाड़े में शामिल किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है. हालांकि बैंक ने कहा है कि उसने इसके बारे में जांच एजेंसियों को जानकारी दे दी है. बैंक अब इस बात का आकलन करने में जुटा है कि क्या इन ट्रांजैक्शन से उसकी कोई देनदारी तो नहीं बनती है.
इस फर्जीवाड़े के बाद पीएनबी का शेयर 10 फीसदी तक टूट गया, जिससे निवेशकों के 3000 करोड़ रुपए डूब गए हैं. यह पीएनबी के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग एक-तिहाई है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है.