असम के मुख्य मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि पूरे देश में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए NRC लागू होना चाहिए.
नई दिल्ली
उन्होंने कहा कि ‘अवैध घुसपैठ हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है. इस चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी है कि सभी राज्यों में NRC को लागू किया जाए. जिन लोगों के नाम असम NRC में छूट गए हैं, वे भारत के दूसरे राज्यों में पलायन कर सकते हैं. ऐसे में इस सम्बंध में जल्द एक्शन लेने की जरुरत है. यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसकी मदद से हम सभी भारतीयों को सुरक्षित रख सकते हैं.’
नई दिल्ली में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और हिमालयन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘एनआरसी- डिफेंडिंग द बॉर्डर्स, सिक्योरिंग द कल्चर’ विषयक गोष्ठी को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी से उन लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी जो भारत के नागरिक हैं. उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने और एनआरसी की सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि असम में वैध नागरिकों की पहचान के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है जिसका पहला मसौदा जनवरी में जारी हुआ था जिसमें 1.0 करोड़ लोगों के नाम शामिल थे. उसके बाद जुलाई में दूसरा और अंतिम मसौदा जारी हुआ जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम शामिल थे. करीब 40 लाख लोग इस सूची में जगह पाने से वंचित रह गए.
एनआरसी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है जिसमें भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज हैं. यह पहली बार 1951 तैयार किया गया था. असम में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए इसका नवीनीकरण किया जा रहा है.हाल ही में संपन्न भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी एनआरसी को पूरे देश में लागू किए जाने की जरूरत पर जोर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल सरकार को कोई एक्शन न लेने के लिए कहा है. पिछली सुनवाईयों में कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट कहा है कि जिन लोगों के नाम इस ड्राफ्ट में शामिल नहीं है, उन्हें अपने दावे और आपत्तियां जताने के लिए पूरा समय दिया जाना चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच इस मामले को सुन रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में NRC से बाहर रखे गए 10% लोगों का रीवेरिफिकेशन कराने का भी निर्देश दिया था.