मिस इंडिया मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब जीतकर रचा इतिहास
मिस इंडिया मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया और अपने डॉक्टर माता-पिता के साथ देश का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया। 14 मई 1997 को जन्मी हरियाणा की छोरी मानुषी छिल्लर ने जून 2017 में मिस इंडिया का खिताब जीता था।
मानुषी ये खिताब जीतने वाली छठी भारतीय सुंदरी हैं। मेडिकल स्टूडेंट मानुषी हेड टू हेड चैलेंज और ब्यूटी विद पर्पस सेगमेंट दोनों में अव्वल रहीं। उनसे अंतिम सवाल ये पूछा गया था कि दुनिया में किस पेशे की सेलरी सबसे ज्यादा होनी चाहिए और क्यों?
उनका जवाब था कि एक मां को सबसे ज्यादा इज्जत मिलनी चाहिए और जहां तक सैलरी की बात है, तो इसका मतलब रुपयों से नहीं बल्कि सम्मान और प्यार से है I
मानुषी 1966 में पहली बार मिस वर्ल्ड बनी रीता फारिया को अपना आदर्श मानती हैं। रीता फारिया के बाद साल 1994 में ऐश्वर्या राय, 1997 में डायना हेडन, 1999 में युक्ता मुखी और साल 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने यह खिताब अपने नाम किया। अब 17 साल बाद मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड 2017 बनी हैं।
इसे जुनून ही कहेंगे कि मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के लिए मानुषी छिल्लर ने ऐसी कुर्बानी दी थी कि उनका करियर दांव पर लग गया था। मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के लिए वे एमबीबीएस का एक साल ड्रॉप कर दीं, हालांकि अब प्रतियोगिता जीतने के बाद वे इसे पूरा करेंगी | मानुषी ने बताया कि उनके इस फैसले में उनके सभी परिजन उनके साथ थे । वैसे भी मॉडलिंग और ग्लैमर की दुनिया उनका पहला शौक है। एमबीबीएस पूरी करके डॉक्टर बनकर वे बहुत से ऐसे काम करना चाहती हैं, जो महिलाओं के हित में होंगे।
मानुषी छिल्लर रोहतक की कमल कॉलोनी वासी डॉ. मित्रवसु चिल्लर की बेटी हैं। उनकी मां नीलम दिल्ली के इबहास में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोकैमिस्ट्री की हेड हैं। मानुषी ने दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल और सोनीपत के भगत फूल सिंह गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वीमेन से पढ़ाई की है।
मानुषी को नृत्य, गायन, कविता लिखने और चित्रकारी का शौक है। मानुषी शुरु से ही पढ़ाई के साथ सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहीं हैं। मानुषी मिस हरियाणा भी रह चुकी हैं।