मणिपुर: जिंदा जलाए गए शख्स का चौंकाने वाला वीडियो आया सामने, विपक्ष ने पीएम मोदी पर बोला हमला
हालांकि, अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।
इम्फाल- हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर Manipur में एक चौंकाने वाला वीडियो Shocking video सामने आई है। एक युवक के शरीर को जलाने का वीडियो man burnt alive सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।
7 सेकेंड के वीडियो में जिंदा युवक जलता हुआ दिखाई दे रहा है। आसपास कुछ आरोपियों के केवल पैर दिख रहे हैं। वीडियो के बैकग्राउंड से गोलियों के चलने की आवाज़ें भी आ रही है।
दैनिक भास्कर ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने कहा है कि वीडियो से संबंधित जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं।
Watch Video – युवक को जिंदा जलाने का वायरल वीडियो
उधर इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने एक्स पर पोस्टर करते हुए लिखा है कि ये वीडियो मणिपुर से है। मणिपुर में एक युवक को जिंदा जला दिए जाने की घटना बेहद दुखद और शर्मनाक है। पीएम मोदी पड़ोसी देश के बारे में दुख व्यक्त कर रहे हैं लेकिन मणिपुर को बचाने में विफल रहे।
इसराइल पर हुए आतंकी हमले के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोग उस ट्वीट को ट्रोल भी कर रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं।
मणिपुर की 12 साल की लिसिप्रिया कंगुजम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए मणिपुर हिंसा से जुड़ा एक वीडियो साझा किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “यह इसराइल या फ़लस्तीन नहीं है. यह मणिपुर में कुकी आतंकवादियों द्वारा नष्ट किया गया चुराचांदपुर जिले का मैतेई लोगों का एक पूरी तरह से तबाह शहर है. यह 5,000 मिसाइल गिराने से भी अधिक भयावह है. आप मणिपुर के न्याय के लिए कब बोलने जा रहे हैं?”
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आप को बता दें की 12 साल की लिसिप्रिया कंगुजम, जो भारत की सबसे कम उम्र की जलवायु कार्यकर्ता हैं. और मैतेई समुदाय आती हैं,
इससे पहले लिसिप्रिया ने 7 अक्टूबर की शाम को इसराइल में हमलों की ख़बर पर प्रधानमंत्रा मोदी के शोक संवेदना वाले संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, “सर, आपके अपने राज्य मणिपुर के बारे में क्या कहना है? आपको मणिपुर के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन आपका दिल इज़राइल की ओर कैसे जाता है? म्यांमार के आतंकवादी पिछले 5 महीनों से भारत पर हमले कर रहे हैं और 200 से अधिक निर्दोष लोगों को मार डाला है और 1,00,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. मई से 40,000 से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर हैं. आप कब तक चुप रहेंगे? हम मणिपुर के लिए न्याय चाहते हैं!!!
उस के अलवाह भी बड़ी संख्या में लोग पीएम मोदी के ट्वीट को ले कर अपनी बातें सोशल मीडिया पर रख रहे हैं।
मंत्री के घर के समक्ष विस्फोट
प्रदर्शनकारी अपना आक्रोश अपने मंत्रियों पर भी निकाल रहे हैं और मंत्रियों को भी निशाना बना रहे हैं। इसी कड़ी में मणिपुर के पश्चिम इंफाल के सिंगजामेई में शनिवार देर रात ग्रामीण विकास मंत्री वाई खेमचंद के घर के गेट के पास ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ। इस हादसे में CRPF का एक जवान घायल हो गया। उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, राज्य के मुख्य मंत्री बीरेन सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
इधर, मणिपुर में जारी हिंसा को ले कर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है । यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमीशन (UNHR) ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को सोशल मीडिया पर लिखा- हम मणिपुर हिंसा पर बोलने वाले मानवाधिकार एक्टिविस्ट बबलू लिथोंगबम को मिल रही धमकियों से चिंतित हैं।
बता दें कि 5 अक्टूबर को हिंसक भीड़ ने मानवाधिकार एक्टिविस्ट बबलू लिथोंगबम के घर पर हमला किया था। हालांकि हमले के समय बबलू घर प नहीं थे। भीड़ ने उन के घर में तोड़-फोड़ की थी।
यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमीशन ने इस घटना के पीछे मैतेई लिपुंस और अरामबाई तेंगोल को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही अधिकारियों से बबलू लिथोंगबम, उनके परिवार और घर को सुरक्षा देने की मांग की।
मणिपुर में लोग खुद ही बदल रहे जिलों के नाम
इसी बीच मणिपुर सरकार ने चेतावनी दी है कि लोग अपने मनमानी ढंग से किसी जिले या संस्थान का नाम ना बदलें. ऐसा करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य सचिव विनीत जोशी की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी जानबूझकर जिलों, स्थानों, संस्थानों के नाम बदलने का कार्य नहीं करेगा या करने का प्रयास नहीं करेगा…।’’ और अगर कोई ऐसा करते पाया गया, तो उसके खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि zo समुदाय के संगठन ने मणिपुर के चुराचांदपुर जिले का नाम बदलकर ‘लम्का’ कर दिया था. उस के बाद सरकार को यह कदम उठान पड़ा है।