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कोकराझार- धूम धाम से मनाया गया बाउखुंग्री उत्सव

कोकराझाड़

बीटीसी के पर्यटन विभाग द्वारा हर साल बाउखुंग्री उत्सव का आयोजन किया जाता है| यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजन समिति पहाड़ पर चढ़ने की प्रतियोगिता का आयोजन करती है| इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न हिस्सों से पर्वतारोही हिस्सा लेने आते हैं| प्रतिभागियों को दो हिस्सों में बांटा जाता है| महिला और पुरुष दोनों इसमें हिस्सा लेते हैं| दोनों श्रेणी के विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक-एक लाख रुपए इनाम राशि प्रदान की जाती है| इसके अलावा द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः 50 और 25 हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाता है| प्रतियोगिता में चौथे से दसवें स्थान पाने वाले प्रतिभागियों के उत्साहवर्द्धन के लिए 5-5 हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाता है|

कोकराझाड़ स्थित बाउखुंग्री पहाड़ पर लोग मन्नतें पूरी होने की उम्मीद से चढ़ते हैं| किसी कामना के साथ श्रद्धापूर्वक बाउखुंग्री पहाड़ पर हजारों श्रद्धालुओं को रंगाली बिहू के अवसर पर देखा जा सकता है| लाखों की संख्या में लोग अपने परंपरागत वेश-भूषा, संस्कृति और खान-पान के साथ यहाँ इकट्ठे होते हैं|

कोकराझाड़ शहर से करीब 6 किलोमीटर पूर्व-उत्तर की दिशा में चक्रशीला वनांचल के हरिणागुड़ी क्षेत्र के विशाल इलाके में स्थित बाउखुंग्री पहाड़ का नजारा बहुत ही मनोरम है| बाउखुंग्री मेले के अंतिम दिन पहाड़ पर चढ़ने वालों की काफी भीड़ होती है| पहाड़ के सबसे ऊपर चोटी शिला पर देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनी हुई हैं, इस दिन भक्तगण वहाँ जाकर मन्नतें मांगते है| कोकराझार- धूम धाम से मनाया गया बाउखुंग्री उत्सव

बाउखुंग्री पहाड़ का बोड़ो समुदाय में अलग ही महत्त्व है| इस पहाड़ को तथा इसके आस-पास के इलाके को बीटीसी के पर्यटन विभाग की तरफ से पर्यटन स्थल बनाने की योजना की जा रही है| इसीलिए बीटीसी के पर्यटन विभाग द्वारा हर साल बाउखुंग्री उत्सव का आयोजन किया जाता है|

इस अवसर पर आयोजन समिति के तहत बोड़ोलैंड खोमलाएनाई खेल संघ द्वारा स्थानीय तथा परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जातीय स्वदेशी खेलों जैसे घीला गेलेनाई, खोमलाएनाई, मुर्गा युद्ध आदि का आयोजन भी किया जाता है| विजेता दल और खिलाड़ी को भी पुरस्कृत किया जाता है|

इस उत्सव के अवसर पर राज्य के तथा पड़ोसी राष्ट्र भूटान के स्थानीय खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी के लिए भी व्यवस्था की जाती है, जिसमें बोड़ो, राभा, गारो, डिमासा, आदिवासी, कार्बी और मिसिंग समुदाय की खाद्य प्रदर्शनी के अलावा भूटान की खाद्य की प्रदर्शनी मेले में लगाई जाती है| इस अवसर पर पारंपरिक नृत्य-गीतों का भी आयोजन होता है|

इस महोत्सव का आयोजन प्रत्येक वर्ष संक्रांति के अवसर पर 12 से 14 अप्रैल तक किया जाता है| इस बार आयोजित 5 वें बाउखुंग्री महोत्सव में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया|

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