असम – निचली सुबनसिरी जल विद्युत परियोजना के खिलाफ केएमएसएस का विरोध प्रदर्शन
गोहपुर
गेरुकामुख में 2000 MW की निचली सुबनसिरी जल विद्युत परियोजना के खिलाफ आज कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सदस्यों ने गोहपुर में विरोध प्रदर्शन किया| प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल का पुतला जलाकर अपना विरोध जताया|
प्रदर्शनकारियों ने सरकार और एनएचपीसी के खिलाफ नारेबाजी की| उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना से निचले स्थानों पर रहने वाले लोगों की परेशानियों को देखते हुए परियोजना का निर्माण कार्य बंद रखने की बात से अब सरकार मुकर रही है|
गेरुकामुख में एनएचपीसी द्वारा बनाई जा रही सुबनसिरी जल विद्युत परियोजना का असम में तीव्र विरोध हो रहा है| माना जा रहा है कि इस बाँध के निर्माण से निचले स्थानों पर रहने वाले लोगों की जानो-माल को नुकसान होगा|
राज्य के विभिन्न अग्रणी संगठनों जैसे आसू, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, एजेवाईसीपी आदि ने मंगलवार से ही नदी बाँध के खिलाफ मोर्चा निकलना शुरू कर दिया है|
असम-अरुणाचल प्रदेश की सीमा में गेरुकामुख में बन रहे इस नदी बाँध का निर्माण कार्य राज्यभर में तीव्र विरोध के बाद सन 2011में रोक दिया गया था| केएमएसएस नेता अखिल गोगोई का कहना है कि केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हमें संदेह था कि निचली सुबनसिरी जल विद्युत् परियोजना का काम फिर शुरू हो जाएगा| अब यह पूरी तरह साफ़ है कि इस परियोजना को पूरा करने की बीजेपी हर संभव कोशिश कर रही है|