आज से शुरू हुआ अंबुबाची मेला, चार दिन के लिए कामाख्या मंदिर के कपाट बंद
गुवाहाटी
अंबुबाची मेले के अवसर पर नीलाचल पहाड़ पर बसे मां कामाख्या मंदिर के कपाट आज से चार दिन के लिए बंद हो गए है| मां कामाख्या मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है|
आज सुबह पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद हो गए| कामाख्या देवोत्तर ट्रस्ट के पुरोहित कवींद्र शर्मा ने बताया कि आज से चार दिन बाद 26 जून की सुबह मंदिर के द्वार एक बार फिर भक्तों के लिए खुल जाएंगे|
आज से अंबुबाची मेला शुरू हो गया है| अंबुबाची मेला मां कामाख्या के रजस्वला होने का प्रतिक है| राज्य सरकार अंबुबाची मेला को देश के आध्यात्मिक तथा धार्मिक पर्यटन क्षेत्र से जोड़ना चाहती है|
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रचार तथा जागरूकता कैंपेन लांच किया है ताकि अंबुबाची मेले के दौरान शहर में पर्यटकों का अधिक आगमन हो|
उन्होंने मेले में हिस्सा लेने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मेले के दौरान और उसके बाद भी मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखे|
कामरूप(मेट्रो) के उपायुक्त एम. अंगमुत्थु ने बताया कि जिला प्रशसन ने आठ स्थानों में तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की है| महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं| पूरे नीलाचल पहाड़ को ‘No-tobacco zone’ में बदल दिया गया है|
अंबुबाची मेले के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत जिला आपदा प्रबंधन विभाग मुस्तैद है| इसके अलावा सरकारी अस्पताल समेत सौ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है|
इधर नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने गुवाहाटी और त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों में अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था की है|