नई दिल्ली
‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी POCSO एक्ट में संशोधन को मंजूरी मिलने से 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा दिए जाने का रास्ता आज साफ हो गया.
मोदी सरकार ने आज एक ऐतेहासिक फैसला लिया है. 12 साल तक की बच्ची से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.
बता दें कि जम्मू के कठुआ और उत्तर प्रदेश के एटा समेत असम में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है जिसके बाद सरकार ने नाबालिग बच्चियों से रेप करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया है .
फिलहाल ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी POCSO एक्ट में दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान नहीं है. कैबिनेट की बैठक के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक पत्र देकर कहा था कि वह POCSO एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है जिसके तहत 12 साल से कम की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और उसके बाद हत्या की घटना के बाद से ऐसे अपराध के लिए फांसी की सजा की मांग उठ रही है.
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जब इस प्रस्ताव के बारे में कहा तो उन्हें हर तरफ से इसको लेकर समर्थन मिला.
नाबालिगों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को लेकर राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर खींचा था.
दो दिन पहले ही मेनका गांधी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए स्पेशल सेल बनाने को कहा था .
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा मैं पॉक्सो एक्ट में संशोधन की लंबे समय से मांग कर रही हूं हम इसका स्वागत करते हैं उन्होंने कहा कि बच्चियों से रेप के दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट भी बनाई जानी चाहिए।