गंगटोक
सिक्किम की नवगठित हाम्रो सिक्किम पार्टी की पहली जनसभा में पार्टी के संस्थापक वाइचुंग भूटिया के बयान को सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने दुर्भाग्यजनक बताया है. पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय से जारी बयान के अनुसार वाइचुंग भूटिया का बयान सिक्किम विरोधी है.
ब्यान में कहा गया है कि सिक्किम में जिस तरह से पिछले 24 साल से लोकतंत्र और कानून का शासन कायम है, उसे वाइचुंग ने श्मसान घाट की शांति बताकर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का भी परिचय दिया है.
दरअसल वाइचुंग भूटिया को सिक्किम में 1994-95 के दौरान 41 प्रतिशत गरीबी घटकर आठ प्रतिशत रह गई है वह उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है.
सिक्किम सरकार ने पिछले 24-25 साल से लगातार गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर आम लोगों का जीवन स्तर सुधारने में प्रयासरत है. लेकिन वाइचुंग भूटिया को ये सारे बदलाव दिखाई नहीं दे रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में राजनीति करने के बाद अब वह सिक्किम में राजनीति के जरिये सत्ता तक पहुंचने का दिवास्वप्न देख रहे हैं. आज सिक्किम की ग्रामीण जनता कच्चे घर की जगह पक्के घर में रह रही है. उनके बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
जैव कृषि के जरिये यहां के किसानों की आर्थिक अवस्था बेहतर हो रही है. राज्य पर्यटन के क्षेत्र में दिनोदिन तरक्की कर रहा है. बयान में कहा गया है कि सिक्किम की जनता को उम्मीद थी कि नयी पार्टी की घोषणा करते समय वाइचुंग भूटिया हाम्रो सिक्किम पार्टी के भावी कार्यक्रम और नीति की घोषणा करेंगे. लेकिन उन्होंने सिक्किम के लोगों को निराश ही किया है.
उधर, एसडीएफ पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज आरबी सुब्बा ने राज्य के लिम्बू और तमांग समुदाय के लिए विधानसभा में सीट आरक्षण की आवाज उठायी है. इसके अलावा नेपाली समुदाय के 11 बचे उपजातियों को जनजाति की मान्यता का मसला भी उठाया है. उन्हें शायद मालूम होगा कि सिक्किम सरकार इन मांगों को लेकर पहले से ही सक्रिय है.
उन्होंने तीन दिनों में यह काम कर दिखाने का जो तिलिस्म पैदा करने की कोशिश की है, उसका कोई आधार नहीं है. वाइचुंग भूटिया ने मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के सकारात्मक योगदान को दरकिनार कर उन पर अनर्गल आरोप लगाते हुए वास्तव में सिक्किम सरकार की उपलब्धियों को ही नकारने का प्रयास कर रहे हैं.