केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक यानी CAB को फिर से लाया जायेगा, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े विशेष कानून से कोई छेड़ छाड़ नहीं होगा….
गुवाहाटी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को भुला नहीं दिया गया है और इसे फिर से लाया जायेगा. हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों की चिंताओं का दूर करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र से जुड़े विशेष कानून को नहीं छुआ जायेगा.
शाह भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के घटक दलों की बैठक को संबोधित कर रहे थे. शाह ने कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होने के बावजूद हम सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्र के सभी राज्यों के मौजूदा कानून जस के तस बने रहें. क्षेत्र के विभिन्न राज्यों में लागू होने वाले इन कानूनों को छूने का हमारा कोई इरादा नहीं है.
शाह, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा द्वारा व्यक्त की गयी चिंताओं पर जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा, हमारी तरफ से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोई अन्य तारीख नहीं होगी और इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के साथ अनुच्छेद 371 को नहीं छुआ जायेगा. इनर लाइन परमिट (आईएलपी) केंद्र सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है, जो एक सीमित अवधि के लिए एक संरक्षित क्षेत्र में भारतीय नागरिक को यात्रा की अनुमति देता है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 371 के बीच के फर्क को भी समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, अनुच्छेद 371 स्थायी प्रावधान है, जबकि अनुच्छेद 370 अस्थायी था. उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि इन आश्वासनों के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक और विशेष प्रावधान के संबंध में पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों की सभी आशंका दूर हो गयी होगी.
मेघालय के मुख्यमंत्री ने बैठक को बहुत सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा, गृह मंत्री ने हमें आगे बढ़ने और स्थानीय संगठनों तथा राजनीतिक दलों के साथ संवाद करने को कहा ताकि विधेयक को लेकर किसी भी प्रकार की शंकाओं को दूर किया जा सके.
उन्होंने कहा कि विधेयक को फिर पेश करने के लिए तारीख तय नहीं की गयी है. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि शाह ने साफ कर दिया कि मूल लोगों की हिफाजत करने वाले कानूनों को नहीं छुआ जायेगा.