
असम में रहने वाले करीब २० हजार किन्नर असमंजस में हैं. क्योंकि इन का नाम न तो NRC में आया है और ना ही इन का नाम NRC में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है
गुवाहाटी
पिछले 15 दिनों से NRC से संबंधित आप ने सैकड़ों ख़बरें पढी हैं और सूनी है लेकिन हम जो खबर बताने जा रहे वः ज़रा हट के है. समाज में एक ऐसा तबका भी है जिस का नाम NRC में शामिल किये जाने का प्रावधान ही नहींहै. हम बात कर रहे ट्रांस जेंडर यानी किन्नरों का किन्नरों के नाम NRC में केवल सिरे से नदारद ही नहीं हैं बल्की एनआरसी में ये प्रावधान भी नहीं है कि किन्नर उसमें अपना लिंग बता सकें और अपना नाम शामिल कर सकें. किन्नरों की उम्मीदें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं जो 16 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करगा. देखिये हमारी यह ख़ास रिपोर्ट.
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