मानहानि केस में जेल की सजा के बाद Rahul Gandhi की संसद सदस्यता खत्म
भाजपा ने कहा है कि श्री गांधी द्वारा अपनी 'चोर' टिप्पणी के साथ ओबीसी समुदाय का अपमान करने के बाद एक स्वतंत्र न्यायपालिका से दोषसिद्धि हुई है।
नई दिल्ली- कांग्रेस नेता राहुल गांधी Rahul Gandhi को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले defamation case में दोषी ठहराए जाने के कारण लोकसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दिया गया है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। ये नियम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद लागू हो जाता है। ये नियम जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (3) के तहत लागू होता है।
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बता दें कि राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद हैं। मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी की न सिर्फ सदस्यता गई है, बल्कि अगर उपरी अदालत से उनको राहत नहीं मिलती है, तो वह अगले 8 सालों के लिए चुनावी राजनीति से बाहर हो जाएंगे। दरअसल, कानून कहता है कि 2 साल तक अगर किसी विधायक या सांसद को सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके बाद सजा खत्म होने पर भी वह 6 साल तक चुनाव लड़ने पर अयोग्य माना जाएगा।
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनके उस बयान को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का सरनेम मोदी ही होता है? ’ राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
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राहुल को सजा सुनाए जाने के बाद कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज सुबह केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए एक साथ विरोध प्रदर्शन शुरू किया। कर्नाटक पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जो श्री गांधी के खिलाफ सूरत अदालत के फैसले का विरोध कर रहे थे।
भाजपा ने कहा है कि श्री गांधी द्वारा अपनी ‘चोर’ टिप्पणी के साथ ओबीसी समुदाय का अपमान करने के बाद एक स्वतंत्र न्यायपालिका से दोषसिद्धि हुई है।