पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा बने असम के उग्रवादी समूहों के वार्ताकार
नई दिल्ली
पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा ने असम के उग्रवादी समूहों के साथ शांतिवार्ता के लिए वार्ताकार के रूप में कार्यभार संभाल लिया है| दिनेश्वर शर्मा की इस पद पर नियुक्ति एक साल के कार्यकाल के लिए की गई है|
केंद्र सरकार और पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों के बीच वार्ताकार के रूप में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के क्रम में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) उनके सामने विशेष चुनौती रहेगी| एक समय पूर्वोत्तर के सबसे खतरनाक उग्रवादी गुट रहे उल्फा की ताकत कमजोर पड़ चुकी है, लेकिन हाल के दिनों में उल्फा(परेश बरुवा गुट) ने असम में खतरनाक ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज की है|
दिनेश्वर शर्मा 1976 बैच केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं| आईबी में पिछले 25 सालों से काम करने का अनुभव रखने वाले शर्मा वर्ष 2014 में दो साल के लिए आईबी निदेशक बने| वे 31 दिसंबर 2016 को आईबी के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हो गए| हाल ही में उन्हें असम के उग्रवादी समूहों के साथ शांतिवार्ता के लिए वार्ताकार के रूप में चुना गया|
आम तौर पर सुर्ख़ियों से दूर रहने वाले दिनेश्वर शर्मा आईबी में रहते हुए संस्था के महत्वपूर्ण काउंटर सर्विलांस विभाग के प्रमुख रहे और इस पद पर रहते हुए उन्होंने एजेंसी के कई अभियानों को सफलता दिलाई| वर्ष 1991 में आईबी में पदस्थापित होने के बाद उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने अभियानों को सफल बनाया, जिसमें कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्य तक शामिल रहे हैं| शर्मा ने आतंकी संगठनों आईएस, अलकायदा और इंडियन मुजाहिदीन से निपटने में अहम भूमिका निभाई|
पूर्वोत्तर के उग्रवादियों और सरकार के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाने वाले अंतिम वार्ताकार पीसी हालदार थे| 31 दिसंबर 2015 को उनके कार्यकाल से मुक्त हो जाने के बाद सरकार ने किसी वार्ताकार को नियुक्त नहीं किया था|