ईटानगर
By Manzar Alam, Founder Editor
अरुणाचल की जनता अब यह समझ चुकी है कि उन का विकास केवल और केवल बीजेपी ही कर सकती है, यह दावा है बीजेपी के अरुणाचल के अध्यक्ष तापिर गाओ का. nesamachar.in से बात चीत के दौरान तापिर गाव ने उम्मीद जताई की यूपी विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जो लोग बीजेपी के साथ जुड़ने के लिए असमंजस की स्थिति में थे उन के विचार में भी एक ठोस बदलाव आया है और उन का झुकाव बीजेपी की ओर देखा जा रहा है. पेश है तापिर से किये गए पांच सवाल और उस के जवाब.
यूपी विधानसभा के चुनावी नतीजों का अरुणाचल में किया असर देखने को मिल रहा है ?
यूपी के चुनावी नतीजों से अरुणाचल की जनता को भी यह समझ में आ गया है कि उन का विकास केवल बीजेपी ही कर सकती है और दूसरी पार्टी नहीं. इसी लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. जो लोग असमंजस की स्थिती में थे उन्हें भी अब लगने लगा है की उन की राजनीती बीजेपी में सुरक्षित है.
अरुणाचल में बीजेपी की सरकार तो पीछे के रास्ते से बन गयी, लेकिन पार्टी की स्थति उतनी मज़बूत नहीं है, इस से आप सहमत हैं ?
अरुणाचल में पार्टी खुद को मज़बूत बना रही है. गाँव गाँव में हमारा शिविर लग रहा है. गाँव बूढा से लेकर ग्राम पंचायत के नेता और कार्यकरता भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हमें आशा है की आने वाले कुछ महीनो के बाद अरुणाचल के कोने कोने में बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता होंगे. और पार्टी की स्थिति और अधिक मज़बूत होगी.
अरुणाचल की जनता बीजेपी को दो भाग में देखती है ” ओल्ड बीजेपी ” और ” न्यू बीजेपी”. इस समस्या का समाधान आप कैसे करेंगे ?
यह स्वभाविक है. इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. जिस के बारे में सोचा नहीं गया था. अरुणाचल की जनता ने भी नहीं सोचा था. इस समस्या के समाधान के लिए ही हम बहुत जल्द एक सम्मलेन का आयोजन करने जा रहे हैं. यह सम्मलेन ईटानगर में होगा. सम्मलेन में केंद्र के कई नेता भाग लेंगे. और राज्य के गाँव गाँव से कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा. नेता और कार्यकर्ता दोनों को पार्टी की आइडियोलॉजी समझाई जाएगी. मुझे आशा है कि जब राज्य के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुट होंगे तो उस के बाद “ओल्ड बीजेपी” और “न्यू बीजेपी” की समस्या दूर हो जाएगी.
राज्य में विकास कार्य को ले कर पार्टी और सरकार में कैसा ताल मेल है ?
बीजेपी में पार्टी और सरकार दोनों अलग अलग होते हैं. दोनों का एक दुसरे के कार्यों में कोइ दखल अंदाजी नहीं होती है. लेकिन मैं अपने स्तर पर मुख्य मंत्री जी से मिलता रहता हूँ, मंत्रियों और विधयाकों के साथ भी बात चीत होती रहती है, साथ ही साथ जनता के साथ संपर्क बनाये हुए हैं ताकी विकास कार्यों को अच्छी तरह से और समय पर जनता तक पहुंचाया जा सके.
एक सवाल ज़रा हट के है, सोशल मीडिया में चर्चा है कि पूर्व मुख्य मंत्री नाबम तुकी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, कितना सही है ?
इस बात का तो मुझे पता नहीं है. मैं पहली बार आप से सुन रहा हूँ. नाबम तुकी एक अच्छे नेता है, लेकिन मुझ से या पार्टी के किसे भी नेता के साथ इस बारे में दूर दूर तक ऐसी कोइ चर्चा नहीं है.