गुवाहाटी
जापानी एनसेफलाइटिस रोग के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर फैली अफवाहों पर चिंता जताई है| जापानी एनसेफलाइटिस से पिछले सात सालों में 799 लोगों की मौत हो चुकी है| इस साल सिर्फ पांच महीने में 39 लोग इस खतरनाक रोग के चपेट में आए हैं जिसमें से 9 लोगों की मौत हो गई|
इस बीच जापानी एनसेफलाइटिस रोग के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर फैली अफवाह पर चिंता जताते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि जो लोग इस तरह के कार्य कर रहे हैं वे अपने ही समाज का नुकसान कर रहे हैं| जापानी एनसेफलाइटिस से बचने का एकमात्र उपाय टीकाकरण है और लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए|
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा ने मंगलवार को एनआरएचएम कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूलों में किसी प्रकार का टीकाकरण अभियान नहीं चल रहा लेकिन कुछ लोगों ने अफवाहें फैला दी है कि बच्चों को जापानी एनसेफलाइटिस के नाम पर बांझपन का टिका दिया जा रहा है| इस तरह की बातों से जापानी एनसेफलाइटिस के प्रकोप से लोगों को बचाने के अभियान को धक्का लग सकता है|
दरअसल सोशल मीडिया के जरिए इन दिनों एक टिके से बांझपन की समस्या होने की अफवाह फैलाई जा रही है जिसके कारण राज्य के स्कूलों खासकर सरकारी विद्यालयों के छात्र भयभीत हैं| इस अफवाह के कारण असम के मुस्लिम बहुल बरपेटा, नलबाड़ी और कामरूप जिले में परिजन अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज करने लगे है|
सिन्हा ने कहा कि अफवाह की जांच करवाने के लिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक को लिखा है और ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी| उन्होंने बताया कि 14 जिलों में टीकाकरण अभियान पूरा करने के बाद 15 से 65 साल के लोगों के लिए फिलहाल चार जिलों नलबाड़ी, मोरीगांव, बंगाईगाँव और कछार में अभियान चल रहा है|