सिलसिलेवार बम धमाकों के मृतकों को श्रद्धांजलि
गुवाहाटी
30 अक्टूबर 2008 को राज्य में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना के साथ उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई| कामरूप (मेट्रो) प्रशासन की पहल पर सोमवार को शहर के गणेशगुड़ी फ्लाईओवर के नीचे स्थापित स्मारक में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई| इस अवसर पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी पुष्पांजलि अर्पित की और दीया जलाया|
सर्वधर्म प्रार्थना सभा में हिस्सा लेकर मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि राज्य में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है| मारे गए लोगों के परिजनों को आवश्यक मुआवजा दिए जाने की बात कहते हुए उन्होंने उनके परिवार के मंगलमई भविष्य की भी कामना की|
हिंसा को विकास के मार्ग में बाधा बताते हुए मुख्यमंत्री ने सभी से भाईचारा एवं समन्वय के साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने का आग्रह भी किया|
30 अक्टूबर 2008 के उस अभिशप्त दिन की यादें आज भी पीड़ितों और उनके परिजनों के जहन में ताजा है, जब गुवाहाटी सिलसिलेवार धमाकों से दहल गई थी। एक ही समय में राज्य के अन्य स्थानों में हुए इन धमाकों में 66 लोगों नें अपनी जान गंवा दी थी और 200 लोग से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
सुबह के 11 बज रहे थे गुवाहाटी के गणेशगुड़ी इलाके के सब्जी बाजार और फल बाजार में हर रोज की तरह लोगों की चहल पहल थी। लेकिन तभी अचानक दो जोरदार धमाके होते हैं और उस जगह सिर्फ खून, आग और धुएं का गुबार छा जाता है।
कोकराझाड़ में बाजार का दिन था और भइया दूज को लेकर काफी भीड़ भाड़ थी, क्योंकि दीपावली को लेकर दो दिन के बंद के बाद बाजार खुला था। लेकिन उसी दिन एक धमाका हुआ और पल भर में इलाके में मातम का माहौल छा गया।
धमाके का सिलसिला यहीं नहीं रुका गुवाहाटी में ही पांच जगह धमाके होने के बाद कोकराझाड़ में 3, बंगाईगांव में 3 और बरपेटा में 2 जगहों पर कुल मिलाकार 13 धमाके हुए। इन धमाकों के बाद राज्य सरकार ने सभी टेलीफोन और मोबाइल नेटवर्क को जाम कर दिया था। असम की सीमा सील कर दी गई। असम-बांग्लादेश सीमा को भी सील कर दिया गया। साथ ही पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था।