तवांग- BRO द्वारा सेला पास पर राहत एवं बचाव कार्य
तवांग
अरूणाचल प्रदेश के तवांग – सेला पास सेक्टर में पिछले कुछ दिनों से मौसम बहुत खराब चल रहा है। सेला पास पर 12 मार्च 2017 को मौसम अत्यंत खराब हो गया था और इस क्षेत्र में लगभग 60 से.मी. तक बर्फबारी दर्ज की गयी जिसकी वजह से सेला पास पर बहुत से वाहन फंस गए और यातायात ठप्प हो गया। सीमा सड़क संगठन (BRO.) द्वारा सेला पास के दोनों तरफ बैसाखी से जसवंतगढ़ तक 35 कि.मी. लम्बे सड़क को साफ करने के लिए अपने निष्ठावान कार्मिकों को बर्फ हटाने वाले यंत्रों और बुलडोजर्स के साथ तैनात किया गया।
42 बी.आर.टी.एफ. के कमाण्डर आर एस राव ने बताया कि 13 मार्च 2017 को , 42 बी.आर..टी.एफ./90 आर.सी.सी. की टीम द्वारा सेला मार्ग को साफ किए जाने के बावजूद लगभग 400 वाहन यहां फंस गए थे और रास्ता बंद हो गया। उसी दिन शाम को 06 बजे 42 बी.आर.टी.एफ. ने अपने संसाधनों को भेजकर सेला मार्ग पर फंसे हुए वाहनों को निकलवाया और इसके बाद फिर भयंकर बर्फीला तूफान शुरू हो गया जिसकी वजह से मार्ग पुनः बंद हो गया। सेला मार्ग से निकाले गए टूरिस्ट वाहनों में कुछ वृद्ध पर्यटक एवं हृदय रोगी भी थे जो ठण्डे एव खराब मौसम की वजह से बीमार हो गए थे। बी.आर.टी.एफ. के बचाव दल द्वारा सभी फंसे हुए वाहनों को चैन से खींचकर निकाला गया। इस बचाव कार्य में कृतिक बल के 01 अधिकारी, 04 अवर अभियंता, और 20 अन्य कार्मिकों ने मध्य रात्रि के 01 बजे तक राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम दिया जिसकी वजह से बर्फ में फंसे सभी वाहनों को आवश्यक सहायता मिल सकी।
13 मार्च 2017 के बाद सेला मार्ग पर बर्फ जम जाने के कारण तापमान बहुत कम हो गया और सिविल नागरिकों के वाहन स्किड चैन के अभाव में मार्ग में अटकते रहे। 42 बी.आर.टी.एफ. के पदाधिकारियों ने इस मार्ग की ओर आने वाले अन्य वाहनों को पहले ही रोककर , बर्फ में फंसे वाहनों को निकालने की कार्रवाई सुनिश्चित की।
18 मार्च 2017 को सेला पास पर भयंकर बर्फीला तूफान आने की वजह से नूरानाग की तरफ बहुत सारे पर्यटक वाहन अटक गए थे जिन्हें यथाशीघ्र सहायता की जरूरत थी । उसी दिन शाम को लगभग 0700 बजे 42 बी.आर.टी.एफ. ने अपने बचाव दल को कार्य में लगा दिया और कि.मी. 240 से 244 तक बर्फ हटाने का कार्य किया गया। साथ ही बर्फ में फंसे हुए सभी पर्यटकों एवं वाहनों को बाहर निकालकर सेंजे की ओर रवाना किया गया। 42 कृतिक बल के बचाव दल द्वारा दो विदेशी पर्यटक जो सेला-छबरेला रोड पर बर्फीले तूफान के दौरान फंस गए थे और पहाड़ी से फिसलकर नीचे चले गए थे, उनमें से एक पुरुष पर्यटक को जीवित बचा लिया गया जबकि दूसरे महिला पर्यटक बच नहीं सकी। बचाव दल की कडी़ मशक्कत के बाद बर्फ में दबे हुए पर्यटक को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया।
उल्लेखनीय है कि इस सर्दी के मौसम के दौरान सेला पास पर तेज हवाओं के साथ अभूतपूर्व हिमपात हुआ है जिसकी वजह से प्रोजेक्ट वर्तक के अधीन कार्यरत 42 बी.आर.टी.एफ. को एक चुनौतीपूर्ण कार्य मिला। कथित बी.आर.टी.एफ. ने सेला पास पर भारी हिमपात की चुनौती का सामना करते हुए सड़क मार्ग को यातायात हेतु चालू रखा है और सेला पास से गुजरने वाले सेना के वाहनों के साथ-साथ सिविल वाहनों को यथासंभव सहायता प्रदान की। परियोजना वर्तक के तहत काम करने वाले पदाधिकारियों ने इस चुनौतीपूर्ण बचाव कार्य को अंजाम देकर अपनी कर्तव्यपरायणता , समर्पण और त्याग की भावना को प्रदर्शित कर रहे हैं।