स्वस्थ भारत यात्री पहुंचे नगालैंड, सात विद्यार्थियों को प्रतिभा-प्रदर्शन के लिए किया सम्मानित
स्वस्थ भारत यात्री पहुंचे नगालैंड, सात विद्यार्थियों को प्रतिभा-प्रदर्शन के लिए किया सम्मानित
- दीमापुर के संत मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल में हुआ स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय परिसंवाद, शिक्षकों, छात्रों एवं विशेषज्ञों ने की भागीदारी
- दीमापुर में जल्द खुलेंगी सस्ती दवा की दो दुकानें
- 18 राज्यों से गुजरकर पहुंचे नगालैंड, 48 दिनों में तय की 12 हजार किमी की यात्रा, अब तक कर चुके हैं 108 आयोजन
- महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष पर की जा रही है स्वस्थ भारत यात्रा
दीमापुर (नगालैंड)
मणिपुर की राजधानी इंफल से चलकर नगालैंड पहुंचे स्वस्थ भारत यात्रियों ने दीमापुर के संत मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल में स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया। जिसमें छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। स्वस्थ भारत (न्यास), नई दिल्ली की ओर परिसंवाद में उत्कृष्ट भागीदारी के लिए 7 विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जिन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया उनके नाम हैं उनमें अंजली प्रसाद, आर्यन जैन, मुस्कान कुमारी, साक्षी सिंह, रिनसिंगमी, अंशु कुमार एवं आफरीन परवीन आदि के नाम शामिल हैं। स्कूल की प्राचार्या नीना दत्ता की पहल पर आयोजित इस परिसंवाद में स्वस्थ भारत यात्री दल के प्रमुख और वरिष्ठ स्वास्थ्यकर्मी आशुतोष कुमार सिंह एवं वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने परिसंवाद को संबोधित किया।
श्री सिंह 30 जनवरी को महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम से 90 दिन की राष्ट्रव्यापी यात्रा पर निकले हैं। दक्षिण भारत सहित 18 राज्यों का दौरा कर नगालैंड पहुंचे हैं। उनके दल में प्रियंका सिंह एवं शंभू कुमार शामिल हैं। यात्रा का ध्येय वाक्य ‘स्वस्थ भारत के तीन आयाम जनऔषधि पोषण एवं आयुष्मान’ है। यह राष्ट्रव्यापी यात्रा महात्मा गांधी के डेढ़ सौवी जयंती वर्ष पर शुरू हुई है। यात्रा का मकसद महात्मा गांधी के स्वास्थ्य चिंतन का प्रचार प्रसार भी करना है।
यात्रा प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने स्वास्थ्य पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद में स्वस्थ भारत यात्रा के उद्देश्यों को उजागर करते हुए कहा कि स्वस्थ भारत यात्रा देश के जन-जन में स्वास्थ्य के प्रति जागृति फैलाने के लिए की जा रही है। आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना इसलिए जरूरी है कि वे चिकित्सा और दवा के नाम पर लूटे जा रहे हैं। जेनरिक दवाइयों की उपलब्धता के बावजूद उन्हें महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है, इस कारण देश के 3-4 फीसद लोग गरीबी रेखा से नहीं उबर पा रहे हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को सेहत संबंधी सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें सुबह-सुबह गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। साथ ही अपना मेडिकल हिस्ट्री संभालकर रखना चाहिए। चिकित्सकों से कैपिटल लेटर में दवा की पर्ची लिखने के लिए अनुरोध करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को घर से बाहर निर्मित खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से बचने की सलाह दी।
इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक-विचार प्रसून लतांत ने स्वस्थ भारत यात्रा को देश की जनता के लिए हितकर बताते हुए कहा कि आज लोगों को चिकित्सा और दवा के नाम पर जागरूक करने का प्रयास कहीं नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य को लेकर लोगों की अनभिज्ञता इतनी ज्यादा है कि वे अपनी सेहत बचाने के प्रयास में तबाह हो रहे हैं। बदलते जलवायु एवं बदलती जीवन-शैली के कारण हर किसी का बीमार होना लाजमी है, ऐसे में स्वस्थ भारत यात्रा जैसे अभियान से लोगों को स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिल रही है।
परिसंवाद में दवा वितरक वपांग ने बताया कि जल्द ही दीमापुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत दो जनऔषधि केन्द्र खुलने वाले हैं। इसके लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों पर बाजार से 80 फीसद तक कम मूल्य पर दवा उपलब्ध कराई जाती हैं।