सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद राज्य में भैंसों की पारंपरिक लड़ाई
गुवाहाटी
सदियों से माघ बिहू में भैंसों को आपस में लड़ाने की परंपरा रही है और इस साल भी सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद राज्य के कई जगहों में भैंसा युद्ध कराया गया| इस तरह के आयोजनों को रोकने में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा|
कानून से बचने के लिए आयोजकों ने इन्हें औपचारिक आयोजन घोषित नहीं किया था| सुप्रीम कोर्ट ने परंपरा के नाम पर देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले ऐसे पारंपरिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है, जिनमें पशु-पक्षियों आदि का इस्तमाल मनोरंजन और पारंपरिक अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए होता है|
राज्य में माघ बिहू के मौके पर विभिन्न हिस्सों में भैंसों की लड़ाई, मुर्गों की लड़ाई और बुलबुल युद्ध जैसे खेलों का आयोजन किया जाता है| इन्हें देखने के लिए देश के अन्य स्थानों से भी काफी संख्या में लोग आते है| ऐसे आयोजनों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद राज्य के लाहोरीघाट, मोरीगांव और रोहा में भैंसों की लड़ाई और होजाई में मुर्गों की लड़ाई के पारंपरिक आयोजन किए गए| हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी प्रसिद्ध तीर्थ हाजो में बुलबुल युद्ध आयोजित नहीं हुआ|