असम और बांग्लादेश के बीच शुरू होगी नदी क्रूज सेवा, लक्जरी पोत की तैयारी
गुवाहाटी
असम और बांग्लादेश के बीच अगले साल सितंबर से नदी क्रूज सेवा के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद एक लक्जरी पोत तैयार किया जा रहा है।असम के अग्रणी क्रूज़ ऑपरेटर असम बंगाल नेविगेशन (एबीएन) के प्रबंध निदेशक आशीष फूकन ने कहा कि अगले साल सितंबर महीने से असम और बांग्लादेश के बीच चलाने के लिए ‘चराईदेव 2’ नामक जहाज तैयार किया जा रहा है।
नया जहाज विशेष रूप से भारत और बांग्लादेश में नदी क्रूज के लिए बनाया गया है ताकि उनके जलस्तर और कुछ पुलों की ऊंचाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि इसमें स्पा और जिम की सुविधा के अलावा 14 डबल और चार सिंगल केबिन हैं।
फूकन ने कहा कि पिछले 15 सालों में अपने ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए लगभग 10 साल पहले क्रूज सेवा की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सन 2003 में असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर अद्वितीय क्रूज के साथ कंपनी देश में लंबी दूरी की नदी क्रूज में अग्रणी रही थी और 2007 में कंपनी ने ही पहली बार कोलकाता में हुगली नदी पर क्रूज चलाया था|
उन्होंने कहा, “2004-2005 में हमें भारतीय राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था| अनुभव बहुत मायने रखता है और दोनों जलमार्ग पर नदी क्रूज के क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता बेजोड़ है|”
कंपनी के पास तीन क्रूज जहाज़ हैं – असम और बंगाल में एबीएन चराईदेव और एबीएन सुकाफा और गंगा पर एबीएन राजमहल।
उन्होंने कहा कि नदी क्रूज के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। अब तक दोनों पड़ोसी देशों के अंतर्देशीय जहाज एक दूसरे के निर्दिष्ट मार्गों के माध्यम से पारगमन कर सकते हैं। लेकिन अब परिवर्तन की आवश्यकता होगी क्योंकि दोनों सरकारों और प्राधिकरणों द्वारा मार्गों को अंतिम रूप दिया गया है| यह सूचित किया गया है कि जहाजों को अनाधिकृत स्थानों पर पार्क नहीं किया जा सकता है।