गुवाहाटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ से बेहाल असम की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है| प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से रविवार को फोन पर बातचीत कर बाढ़ के हालात की जानकारी ली और केंद्र से हर संभव मदद का भरोसा दिया|
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार असम की बाढ़ और भू-कटाव की समस्या को काफी गंभीरता से ले रही है| परिस्थिति को सामान्य बनाने के लिए जो कुछ भी जरुरी होगा, राज्य की तरफ से अनुरोध करने पर पूरा किया जाएगा| राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री को मौजूदा परिस्थितियों से अवगत कराया है| उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया है कि राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द पहुँचने और बचाव व राहत के कार्य युद्ध स्तर पर किए हैं| संबंधित इलाकों के सांसदों और विधायकों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभावित गांवों में उपरोक्त सारे कार्यों पर नजदीकी निगाह रखने को कहा गया है|
मुख्यमंत्री ने सभी जिला प्रशासनों को मौजूदा बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से मुश्तैदी दिखाने का निर्देश दिया है| उपायुक्तों को बाढ़ के ताजा हालत और राहत व बचाव कार्यों की नियमित समीक्षा बैठकें करते रहने और तदनुरूप आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं| उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया है कि ताजा बाढ़ में मरने वाले लोगों के परिवारों को 48 घंटे के भीतर पूर्व अनुग्रह राहत पहुंचाई जा रही है|
इस बीच लखीमपुर, जोरहाट, गोलाघाट, कछार, धेमाजी, विश्वनाथ, करीमगंज, शोणितपुर, माजुली, बरपेटा, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, मोरीगांव और चिरांग में बाढ़ का तांडव जारी है| प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 1096 हो गई है|
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़कर चार लाख 86 हजार 726 हो गई है| आठ जिलों में कुल 90 राहत केंद्रों में 17 हजार 744 बाढ़ पीड़ितों को आश्रय दिया गया है|