ज़रूर पढ़िए- कहाँ मिली सूखे जमीन पर पैदल चलने वाली अनोखी मछली
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वेब डेस्क
मछलियों के लिए पानी ऐसे ही है जैसे धरती पर मौजूद प्राणियों को ऑक्सीजन. अगर मछलियों को पानी से निकाल लिया जाए तो उन का जीवन सेकंड भर में ही समाप्त हो जाती है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक ऐसी अनोखी मछली की खोज की है जो सूखे ज़मीन पर पैदल भी चल सकती है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि जानवरों में भी विकास पाते पाते मौजूदा स्वरूप आ गए हैं. और यह विचार आम है कि 37 करोड़ 50 लाख साल पहले हमारे पूर्वजों ने भी तैरने वाली मछली से विकसित हो कर भूजल जानवर बने और फिर समुद्र से निकल कर सूखे जमीन में आ गए।
इस बात को समझाने के लिए आम तौर पर कार्टोनज़ और जानवरों के लाखों साल पुराने फोसल्स का सहारा लिया जाता है और वैज्ञानिकों को यह बात हमेशा से एक रहस्य रहा है कि विकास की यह प्रक्रिया कैसे संभव हुआ होगा मगर ब्रिटिश और थाई विशेषज्ञों की एक टीम ने मिलकर थाईलैंड में एक गुफा से एक ऐसी मछली की खोज की है जो अन्य जानवरों की तरह सूखी ज़मीन पर भी पैदल चलती है.
विशेषज्ञों ने इस मछली को “क्र्पटू टोरा थैमी कोला” का नाम दिया है. इस संबंध में लंदन के रॉयल पशु चिकित्सा कॉलेज के एक विशेषग्य जून आरहचनसन का कहना है कि इस मछली के मिलने से हमें पता चला है कि मछलियों के बारे में अभी भी कितना कुछ खोज करना बाकी है।
आप को बता दें कि पिछले वर्ष पूर्वी हिमालय से भी जमीन में चलने वाली मछली मिली थीं। इस खोज में मछलियों की 26 प्रजातियां पाई गईं जिसमें जमीन पर चलने वाली मछलियां अनोखी थी। यह मछलियां 4 फुट लंबी थी।
WWF का कहना है कि इन प्रजातियों को देखने से लगता है कि अभी भी बहुत सी प्रजातियां ऐसी है जो हमारे साथ इसी धरती पर रहती हैं और जिनके बारे में अभी और भी बहुत कुछ जानना जरूरी है। उनका कहना है कि अगर हम इन प्रजातियों को नहीं बचाएंगे तो एक समय ऐसा आएगा जब ये प्रजातियां बिल्कुल ही विलुप्त हो जाएंगी।