मिलिए बेजुबान ‘क्वार्मी’ से जिस ने काजीरंगा में गैंडों के अवैध शिकारियों के छक्के छुड़ा दिए

काजीरंगा ( असम )
By Sanjay Kumar
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में गैंडों की हत्या पर रोक और अवैध शिकारियों को पकड़ने के लिए जहां सैकड़ों वन सुरक्षा कर्मी नाकाम हो गए वहीं एक बेजुबान ‘क्वार्मी’ ने इस में बड़ी सफलता हासिल कर ली है.
दरअसल 14 माह की जर्मन शेफर्ड ‘क्वार्मी’ को काजीरंगा की उत्तरी रेंज ने 21 दिसंबर 2017 को अपनी टीम में शामिल किया था. क्वार्मी पहली ऐसी जर्मन शेफर्ड है, जिसने स्निफर कुत्तों के बैच में यह तमगा हासिल किया है. उत्तरी रेंज के अधिकारी विपुल बरुआ ने बताया बेड़े में शामिल किए जाने के एक हफ्ते के अंदर 27 दिसंबर को क्वार्मी ने जंगल के अंदरूनी हिस्सों में चलाए गए एक अभियान में वो सफलता हासिल की जिसकी किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी.
टीम के मुताबिक जंगल के अंदर गैंडों का अवैध शिकार करने वाले कुछ अपराधियों के होने की खबर मिल रही थी. दो जवानों को इस मिशन के लिए ‘क्वार्मी’के साथ लगाया गया था. बताया जाता है एक शर्ट की गंध के आधार पर क्वार्मी ने दो घंटे तक सूंघते हुए जंगल में अवैध शिकारी के घर का पता लगा लिया. हालांकि उस समय अवैध शिकारी घर में मौजूद नहीं था.
इसके बाद भी क्वार्मी दोनों जवानों को एक तालाब के पास ले गई और खुद पानी में उतर गई. जवानों ने जब तालाब के अंदर खोजबीन शुरू की तो उन्हें वहां से एक .303 राइफल और एक साइलेंसर बरामद हुई. अगले दिन अवैध शिकारी ज्ञान दास को दूर दराज़ के गांव से गिरफ्तार किया गया.
क्वार्मी और उसके हैंडलर की सफलता की कहानी ने अब पूरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है. क्वार्मी वन्यजीव स्निफ़र कुत्तों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित होने वाले 13 कुत्तों में से एक थी और ‘ब्रेवो’ ग्रेड के साथ अपना प्रशिक्षण हासिल किया था. वह अब अपने हैंडलर के साथ पार्क के उत्तरी रेंज के अंदर एक अस्थायी केनेल में रहती है