Manipur Violence: मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा ठप
रकार ने यह कदम में राज्य में हो रहे प्रदर्शन के दौरान बिगड़ते हालात को देखते हुए लगया है।
Manipur Violence : मणिपुर के 8 जिलों में अगले आदेश तक के लिए कर्फ्यू Curfew लागू कर दिया गया और इंटरनेट Internet सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं । सरकार ने यह कदम में राज्य में हो रहे प्रदर्शन के दौरान बिगड़ते हालात को देखते हुए लगया है।
मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करते हुए 3 मई को जनजातीय समूहों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया. आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई जिसके बाद आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं.
भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी. मैरी कॉम ने देर रात करीब पौने तीन बजे ट्वीट कर लिखा, “मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है. कृपया मदद कीजिए.” उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मणिपुर में आगजनी की फोटो शेयर की हैं.
My state Manipur is burning, kindly help @narendramodi @PMOIndia @AmitShah @rajnathsingh @republic @ndtv @IndiaToday pic.twitter.com/VMdmYMoKqP
— M C Mary Kom OLY (@MangteC) May 3, 2023
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान चुराचांदपुर में तनाव के बीच भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके खिलाफ उसने मार्च आहूत किया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं. अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन कई आंदोलनकारी पहाड़ियों के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों को लौटने लगे हैं.
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उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए, गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, लेकिन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू है. कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश आठ जिलों के प्रशासन की ओर से जारी किए गए हैं.
इससे पहले बुधवार को विरोध करने के लिए छात्रों के संगठन की ओर से निकाले गए आदिवासी एकता मार्च में हजारों लोग शामिल हुए. संगठन ने राज्य के सभी दस पहाड़ी जिलों के लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान किया था.
छात्र संगठन ने कहा कि राज्य के जनप्रतिनिधि खुले तौर पर मैतेई की मांग का समर्थन कर रहे हैं और आदिवासी हितों की सामूहिक रूप से रक्षा करने के लिए उचित उपाय किए जाने की आवश्यकता है. मैतेई (Meitei) मणिपुर के पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं, जो राज्य के क्षेत्रफल का लगभग दस प्रतिशत है. समुदाय का दावा है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.