Local ke liye Vocal : PM Modi का यह मन्त्र राष्ट्र निर्माण के लिए आज की आवश्यकता…….
सुधीर कुमार मिश्रा ( Sudhir kumar Mishra is a blog writer )
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी PM Modi ने ,राष्ट्र के नाम संबोधन में.. लोकल के लिए वोकल ( Local ke liye Vocal ) ..नाम से जो मंत्र दिया है उसके कई सांकेतिक मायने हैं ,प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि.. हमारे पास साधन है, सामर्थ्य है, सबसे बेहतरीन टैलेंट है ,हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे, अपनी क्वालिटी और बेहतर करेंगे ,सप्लाई चैन को आधुनिक बनाएंगे और ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे…
प्रधानमंत्री के संबोधन की जो दूसरी सबसे विशेष बात थी वह यह कि उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच पिलर्स की बात की.. अर्थात इकोनामी,इनफ़्रास्ट्रक्चर, सिस्टम डेमोग्राफी तथा डिमांड… सचमुच भारत को आर्थिक रूप से आजादी दिलाने के लिए इन पांच स्तंभों का मजबूत होना जरूरी है,
एक तरफ जब पूरी दुनिया अदृश्य कोरोनावायरस से जूझ रही है ,और भारत भी इससे अछूता नहीं है, ऐसे समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ,भारत के प्रधानमंत्री ने जो संकल्प लिया है ,वह आज की आवश्यकता भी है ,क्योंकि देश के अंतर्गत आर्थिक आजादी के बिना उन्नत राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती…
स्वदेशी का विचार स्वधर्म का मौलिक विचार है ,इस विचार में हमारे देश के कुटीर उद्योग ,लघु उद्योग, जीवनशैली, भोजन आहार-विहार ,सब कुछ आ जाते हैं ,आज पिछले कई दशकों से हमने स्वार्थ और लोभ लालच के अंतर्गत, स्वदेशी की इस परंपरा को त्याग दिया है ,जिसका नतीजा यह है कि,धीरे धीरे हमारे घर आंगन में ,विदेशी कंपनियां प्रवेश कर गई है, हमारे देश की आजादी का परचम लहराने वाले देश के शहीदों ने भी भारत के अंतर्गत, संपूर्ण आजादी का सपना देखा था ,लेकिन समय के साथ हमारा देश बाजारवाद के ऐसे चंगुल में फंस गया कि ,धीरे-धीरे हम विदेशी कंपनियों के कुचक्र में फंसते चले गए ,और भारत आर्थिक रूप से कमजोर होता चला गया
भारत को स्वस्थ्य ,समर्थ संस्कारवान ,और शक्तिशाली देश बनाने के लिए आवश्यकता है कि ,हम स्वदेशी सामानों का उपयोग करें, ताकि हम अपने देश को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकें ,भारत को संपूर्ण उन्नत राष्ट्र बनाने के लिए ,आवश्यकता है कि इस स्वदेशी आंदोलन को एक, सामाजिक आंदोलन के रूप में ,प्रत्येक भारतवासी ग्रहण करें ,तभी हम भारत को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा सकते हैं..
जरा सोचिए? अभी वर्तमान संदर्भ में भारत के अंतर्गत क्या हो रहा है? विदेशी कंपनियों का नशा हमारे दैनिक दिनचर्या में इस तरह शामिल है कि ,हम सुबह से शाम तक उसके मोहताज बन गए हैं ,और जिसका नतीजा यह है कि देश का एक बहुत बड़ा पैसा ,उन कंपनियों के खाते में जा रहा है, जो विदेशी है हम ऐसा करके धीरे-धीरे भारत को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहे हैं, रामैटेरियल हमारा …फैक्ट्रियां हमारी.. सब काम करने वाले कर्मचारी अधिकारी हमारे ..व्यापारी दुकानदार ग्राहक सब हमारे.. पूंजी हमारी ..देश हमारा.. फिर भी विदेशी कंपनियां रॉयल्टी और प्रॉफिट के नाम पर.. देश से बहुत सारा पैसा लूट कर.. विदेश में लेकर जा रही है.. विदेशी चीजों के प्रति प्रेम, आकर्षण, एवं उसका महिमामंडन देश की आर्थिक आजादी के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इन विदेशी उत्पादों का उपयोग करके हम ,अपरोक्ष रूप से एक बहुत बड़े ,आत्मघाती और विनाशकारी कदम ,देश के लिए उठा रहे हैं ,सामाजिक सांस्कृतिक, वैचारिक ,आर्थिक राजनैतिक व भौगोलिक दृष्टि से भी विदेशी कंपनियों पर निर्भरता देश की एकता ,अखंडता स्वाबलंबन व स्वाधीनता के लिए बहुत बड़ी चुनौती व राष्ट्रीय संकट के रूप में होता है, एक तरह से यह राष्ट्रीय अपराध या अनजाने में अविवेक पूर्ण देशद्रोह जैसा है ,इस घातक वृद्धि और प्रवृत्ति से देश को बाहर निकालना तात्कालिक व दीर्घकालिक दृष्टि से बहुत जरूरी है …ताकि भारत आत्मनिर्भर हो सके..
तस्वीर के एक दूसरे पहलू पर भी गौर कीजिए? आजादी के इतने वर्षों बाद भी लगभग देश की 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक की अर्थव्यवस्था, इन विदेशी कंपनियों द्वारा संचालित हो रही है, जो की बहुत शर्म की बात है ,और यह अपरोक्ष रूप से हमारी देश की आजादी पर हमला भी है, साथ ही साथ हमारे वीर शहीदों का अपमान भी है ..
अतः आज आवश्यकता है यह की हम सब ,मिलकर स्वदेशी उत्पाद के लिए मुखर हो जाएं ..हमारी मुखरता ही ..लोकल के लिए वोकल… मंत्र को मजबूती प्रदान करेगी ..आज आवश्यकता इस बात की है कि ,हम अपने आसपास के लोगों को.. स्वदेशी संकल्प अभियान ..से जोड़ने के लिए प्रेरित करें ,अपने स्वजनों परिचितों ,मित्र गणों को जागरूक करें ,तथा उन्हें विदेशी सामान बहिष्कार करने का संदेश दे ,जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्रयोग करने का संकल्प आसपास के लोगों तक पहुंचाएं ,ताकि हम अप्रत्यक्ष रूप से भारत के कुटीर एवं लघु उद्योगों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकें ,यकीन मानिए ऐसा करके हम अपने देश को आर्थिक महाशक्ति अर्थात.. इकनोमिक सुपर पावर बना सकते हैं ..और देश को विदेशी कंपनियों की लूट व गुलामी से बचाकर आर्थिक आजादी दिला सकते हैं..
तो अगली बार अगर आप कोई सामान खरीदने जा रहे हैं तो ,एक बार अवश्य सोचें? अपने दैनिक जीवन के लिए जिन सामानों को आप खरीदने जा रहे हैं, वह स्वदेशी है या विदेश से निर्मित, …हमारी आपकी यह एक छोटी सी कोशिश.. धीरे-धीरे भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी ..और धीरे धीरे वह दिन भी दूर नहीं होगा ..जब विदेशी कंपनियां हमारी इस धरती से विदा हो जाएगी …
स्वदेशी वस्तु ,स्वदेशी विचार, स्वदेशी भाषा, स्वदेशी संस्कृति व सभ्यता के प्रति पूर्ण आग्रह ,और स्वदेशी को अपने जीवन में पूर्णतया आत्मसात करके हम स्वयं भी सुखी होंगे इस देश में भी सुख समृद्धि एवं शांति को बढ़ाएंगे ..स्वदेशी एक बहुत बड़ा दर्शन है ,
स्वदेशी एक समग्र, स्थाई ,विकेंद्रित और न्यायपूर्ण समृद्धि ,सुख ,शांति व आनंद का मार्ग है ,स्वदेशी एक बहुत ही ऊंचा दर्शन है, इसमें किसी की हानि करने का विचार नहीं है ,बल्कि न्याय पूर्ण तरीके से स्वयं के प्रति व पूरी सृष्टि के प्रति न्याय करते हुए, एक अहिंसक समृद्धि व एक अहिंसक सफलता का मार्ग है ,अपनी भाषा के प्रति वेशभूषा के प्रति ,भोजन के प्रति, शिक्षा ,चिकित्सा ,सभ्यता ,संस्कृति ,स्वदेशी जीवन पद्धति के प्रति एक गौरव का भाव होगा तो, हम अधिक सुखी सहज और आनंदित होंगे, क्योंकि यही हमारी स्वाभाविक सनातन संस्कृति है,
आइए हम सब भारतवासी मिल कर ,भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ,तथा भारत को आर्थिक आजादी देने के लिए… लोकल के लिए वोकल…. मंत्र पर युद्ध स्तर पर काम करें ..और भारत को एक उन्नत राष्ट्र की तरफ ले जाएं ..
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