सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहला मामला, कोलकाता के मौजूदा जस्टिस करनान को contempt notice
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार है जब कोलकाता हाई कोर्ट के मौजूदा जस्टिस करनान को contempt notice जारी किया गया है| भारत के चीफ जस्टिस जे.एस खेहर के नेतृत्व में सात सदस्यीय जजों की टीम ने कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस सी.एस करनान के खिलाफ अदालत का अपमान करने के आरोप पर सुनवाई की|
जस्टिस करनान को जारी किए गए सुप्रीम कोर्ट के नोटिस में उन्हें सभी कानूनी तथा प्रशासनिक कार्यों से हटा दिया गया है। साथ ही उनके पास मौजूद कानूनी तथा प्रशासनिक फाइलों को फौरन हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को जमा करने का निर्देश दिया गया है। जस्टिस करनान को अगली सुनवाई में खुद कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश हुआ है।
जस्टिस करनान पहले भी कई विवादों में जुड़े हुए है| वे लगातार पूर्व तथा मौजूदा जजों पर आरोप लगाते आए है| इससे पहले 23 जनवरी को जस्टिस करनान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर कुछ जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे| सरकारी पैड पर प्रधानमंत्री के नाम लिखे चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि विभिन्न क्षेत्रों में विमुद्रीकरण की नीति लागू होने के बाद भ्रष्टाचार कम हुआ है, लेकिन न्याय व्यवस्था में अभी भी बिना रोकटोक और बिना किसी डर के भ्रष्टाचार जारी है| उन्होंने पत्र में 20 भ्रष्ट जजों के नाम लिए थे जो इस प्रकार है –
1 जस्टिस संजय किशन कॉल
2 जस्टिस एस. मणिकुमार
3 जस्टिस वी. रामा सुब्रमण्यम
4 जस्टिस चित्रा वेंकटारमण
5 जस्टिस आर. एस रामानाथन
6 जस्टिस आर. के अगरवाल
7 जस्टिस टी. एस ठाकुर
8 जस्टिस एम वाई इकबाल
9 जस्टिस इब्राहीम कलिफुल्ला
10 जस्टिस अग्नि कोठरी
11 जस्टिस एलेपे धर्मा राव
12 जस्टिस के. एन भाषा
13 जस्टिस अकबर अली
14 जस्टिस अरुणा जगदीसन
15 जस्टिस वी. धनपालन
16 जस्टिस एम. एम सुंदरेश
17 जस्टिस एन. किरुभाकरण
18 जस्टिस एन नागामुथु
19 जस्टिस टी. राजा
20 जस्टिस साथिया नारायणन
प्रधानमंत्री के नाम अपने पत्र में कोलकाता हाईकोर्ट के जज चिन्नास्वामी स्वामीनाथन करनान ने आगे कहा था कि भ्रष्टाचार के इन आरोपों की पुष्टि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी कर सकते है बशर्तें इसके लिए उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी कम रजिस्ट्रार हरी, रजिस्ट्रार पी. कन्नापन और तमिलनाडू वकील संघ के अधिवक्ता तथा अध्यक्ष एस. प्रभाकरण से इस संबंध में पूछताछ करनी होगी|
जस्टिस करनान ने यह आरोप लगाकर हलचल मचा दिया था कि दलित होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया गया| उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी मद्रास हाई कोर्ट से कोलकाता हाई कोर्ट में उनके तबादला किए जाने पर सवाल उठाया था|