बाढ़ में पूरी तरह डूबा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, हालात बद से बदतर
गुवाहाटी
विश्व ऐतिहासिक धरोहर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के हालात बाद से बदतर होते जा रहे हैं चूँकि उद्यान बाढ़ में पूरी तरह डूब चुका है| उद्यान के अधिकारियों के मुताबिक काजीरंगा का 430 स्क्वायर किलोमीटर इलाका पानी के नीचे है| उद्यान के उत्तर दिशा में ब्रह्मपुत्र के उफान में होने के चलते अधिकारियों को डर है कि कही नए इलाके भी बाढ़ कि चपेट में न आ जाए|
काजीरंगा के प्रखंड वन अधिकारी रोहिणी वल्लभ सैकिया ने बताया, “शिकारियों के खिलाफ बिठाए गए 188 स्थाई और अस्थाई शिविरों में से 89 शिविर बाढ़ में डूब गए हैं| पूर्वी रेंज में 26 शिविर पानी में डूबे हुए हैं| उद्यान के पशु अपनी जान बचाने के लिए ऊँचे स्थलों की तलाश में हैं, ऐसे में वे कार्बी आंगलांग जिले की ओर रुख कर रहे हैं| हमारा फील्ड स्टाफ पशुओं कि गतिविधियों पर नजर रखे हुए है|”
NH-37 को पार कर इस बीच हाथी ओर गैंडे कार्बी आंगलांग का रुख कर चुके हैं| उद्यान के अधिकारियों ने बाढ़ से हालात ओर बिगड़ने कि आशंका जताई है चूँकि शनिवार को ब्रह्मपुत्र का जलस्तर और बढ़ा हुआ पाया गया है|
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट, डिब्रूगढ़, निमातीघाट, धनशिरीमुख ओर तेजपुर में ब्रह्मपुत्र का जलस्तर लगातार बरसात कि वजह से बढ़ गया है|
पिछले महीने आई बाढ़ में कम से कम 107 पशु बह गए थे जिनमें सात गैंडे भी शामिल थे| जुलाई महीने कि बाढ़ में उद्यान को 7.35 करोड़ रुपयों का ढांचागत नुकसान झेलना पड़ा था|