गुवाहाटी
सियांग नदी का काले हो गए पानी की जांच के लिए केंद्र जल्द ही विशेषज्ञों का एक दल अरुणाचल भेजेगा I इस बात की जानकारी अरुणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री पेमा खांडू ने दी I
NESamachar से बातचीत के दौरान खांडू ने बताया के उन्हों ने केन्द्रीय राज्य मंत्री किरन रिजीजू से इस बारे में बात की है और उन्हों ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही विशेषज्ञों की एक टीम अरुनाचाल भेजेंगे जो काला हो गया सियांग नदी के पानी की जांच और अध्धयन अकरेगा जिस से इस का सही कारणों का पता चल सकेगा I
सियांग नदी के पानी के जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी का नेफेलोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट (एनटीयू) 482 है जबकि लौह स्तर 1.65 मिलीग्राम प्रति लीटर है जो कि अनुमेय सीमा से अधिक है. उधर नदी का पानी में प्रदूषण के कारण दिसम्बर के महीने में आने प्रवासिय पक्षियों का भी अना नहीं हुआ है I नदी में मौजूद मछलियां बड़ी संख्या में मरी पायी गयी हैं I विभिन्न जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है को वे सियान नदी ला पानी इस्तेमा में न करें I
उधर असम की जीवन रेखा कहा जाने वाला ब्रह्मपुत्र नद का पानी भी काला हो गया है। लैब टेस्ट के रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है और कहा गया है कि ब्रहमपुत्र का पानी पीने योग्य नहीं है I लैब टेस्ट के लिए जो पानी लिया गया था उसमें सीमेंट की मात्रा पाई गई। नगर निगम द्वरा फ़िल्टर करने के बाद भी घरों में आ रहे सप्लाई का पानी भी साफ़ नहीं आ रहा है I
बता दें की ब्रह्मपुत्र तीन देशों चीन, भारत और बांग्लादेश से बहने वाल नद है. यह चीन के तिब्बत से निकलता है जहां इसे जारलुंग सांग्पो कहा जाता हैI हिमालय की नामचा बरवा चोटी के पास महाखड्ड और ‘यूटर्न’ लेते हुई यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करता है, जहां इसे सियांग के नाम से जाना जाता है. उसके बाद असम के मैदानी इलाके से होते हुए ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश चला जाता हैI वहां इसे जमुना नदी के नाम से जाना जाता हैI
बीते दोनों के साथ मामला संगीन होते नज़र आ रहा है I अगर यह सिलसिला जारी रहा तो अरुणाचल से ले कर असम और बांग्लादेश के एक बड़ी आबादी को आने वाले दिनों में पानी की संकट का सामना कर पड़ सकता है I