नई दिल्ली
बजट 2018 में अरुणाचल प्रदेश को एक ख़ास और महत्वपूर्ण तोहफा मिला है और वह है चीन सीमा से सटे सेला दर्रा में टनल का निर्माण करना. सेला दर्रा दरअसल सेला पास के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच सीमा पर स्थित एक बेहद ऊंचा पर्वतीय दर्रा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. इस लिए इसे रणनीतिक दृष्टि से बहुत अहम माना जाता है.
सेला दर्रा में टनल के निर्माण का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब रक्षा प्रतिष्ठान करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारत चीन सीमा पर चीन की मुखरता बढ़ने से चिंता में है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रुप से स्थित तवांग में सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 13,700 फुट की ऊंचाई पर सेला दर्रे में टनल बनाने की सरकारी योजना की घोषणा की.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रे से सुरंग के निर्माण की मंजूरी से रक्षा तैयारियों में पर लग जायेंगे. अपने बजट संबोधन में जेटली ने कहा कि सरकार भारत की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है.
जेटली ने कहा, ‘‘लद्दाख क्षेत्र को सभी मौसमों के अनुकूल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रोहतांग सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है. अब मैं सेला दर्रे में सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूं.
सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच सीमा पर स्थित एक बेहद ऊंचा पर्वतीय दर्रा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है.