ऐसा गावं जहां सुंदर लड़कियों तरस रही हैं अपनी शादी के लिए
वेब डेस्क
किया आप ने ऐसा गाँव के बारे में सुना है जहां मर्दों की संख्या न के बराबर है और वहाँ की कुंवारी लड़कियां शादी के लिए तरसती हैं. अगर नहीं तो हम आप को उस गावं के बारे में बता रहे हैं.
ब्राजील का एक गावं है ” नीवा द कॉरडिरो “. इस गावं में करीब 300 कुंवारी लड़कियां हैं जिन्हें शादी रचाने के लिए कोई कुंवारा लड़का नहीं मिल रहा है. करीब 600 महिलाओं वाले इस गांव में अविवाहित पुरुषों का मिलना बहुत मुश्किल है.
यह गावं करीब 100 सालों से बाहरी दुनिया से कटा हुआ है. गावं की ज्यादातर महिलाओं की उम्र 20 से 35 साल के बीच है. कस्बे में रहने वाले सभी मर्द या तो शादीशुदा हैं या फिर उनके रिश्तेदार हैं. लड़कियां शादी तो करना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए वे गावं नहीं छोड़ना चाहती हैं.
लड़कियां चाहती हैं कि शादी के बाद लड़का उनके गावं में आकर उन्हीं के नियम-कायदों से रहे। मातृ सत्तात्मक इस गावं में खेती-किसानी से लेकर बाकी सभी काम महिलाएं ही संभालती हैं। ज्यादा महिलाओं के पति और 18 साल से बड़े बेटे काम के लिए गावं से दूर शहर में रहते हैं.
इस गावं की पहचान मजबूत महिला समुदाय की वजह से है। इसकी नींव मारिया सेनहोरिनहा डी लीमा ने रखी थी, जिन्हें कुछ वजहों से 1891 में अपने चर्च और घर से निकाल दिया गया था। 1940 में एनीसियो परेरा नाम के एक पादरी ने यहां के बढ़ते समुदाय को देखकर यहां एक चर्च की स्थापना की। इतना ही नहीं उसने यहां रहने वाले लोगों के लिए शराब न पीने, म्यूजिक न सुनने और बाल न कटवाने जैसे तरह-तरह के नियम कायदे बना दिए। 1995 में पादरी की मौत के बाद यहां की महिलाओं ने फैसला किया कि अब कभी किसी पुरुष के जरिए बनाए गए नियम-कायदों पर वो नहीं चलेंगी। तभी से यहां महिलाओं का वर्चस्व है।
Mujheto sadhi karni hai
Mujhe sadi karni h