Bhimashankar Jyotirlinga पर Assam का विज्ञापन Maharastra में बना राजनीतिक मुद्दा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि इस तरह का दावा कोई नहीं कर सकता.
- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि इस तरह का दावा कोई नहीं कर सकता.
गुवाहाटी– महाराष्ट्र Maharastra में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी NCP के एक नेता ने बुधवार को असम सरकार के उस विज्ञापन Assam Govt Advertisement पर आपत्ति जताई, जिसमें दावा किया गया है कि छठा ‘भीमाशंकर’ ज्योतिर्लिंग Bhimashankar Jyotirlinga Assam में स्थित है।
मंगलवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र में राजनीतिक उबाल ला दिया है। इस विज्ञापन में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा भक्तों का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। विपक्षी दल इसी बहाने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश में लग गए हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जिन स्थानों से प्रकट हुए उन्हें, उन्हें ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है।
परंपरागत रूप से, पुणे के पास भीमाशंकर में शिव मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठा ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
अब असम सरकार के इस विज्ञापन के बाद Mharashtra के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा है कि, “महाराष्ट्र में परली वैजनाथ मंदिर के किसी अन्य राज्य में होने के बारे में केंद्र सरकार ने अभी तक अपनी गलत जानकारी को ठीक नहीं किया है।”
उन्होंने कहा, ‘अब, असम में भाजपा सरकार ने गलत कहा है कि भीमाशंकर उस राज्य में हैं और महाराष्ट्र में नहीं हैं।’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि इस तरह का दावा कोई नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा, “भीमाशंकर हमारा (महाराष्ट्र का) है। यह एक ज्योतिर्लिंग है। अगर कोई दावा करता है तो कुछ नहीं होने वाला। हमारे भीमाशंकर को सदियों से ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है।”
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने भी कहा कि राज्य में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के अस्तित्व के बारे में असम सरकार का दावा धार्मिक इतिहास को विकृत करने का प्रयास था।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने मथुरा में संवाददाताओं से कहा कि असम सरकार ने भीमाशंकर को राज्य के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने का दावा करते हुए अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन जारी किया।
उन्होंने कहा कि विज्ञापन के माध्यम से असम में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर महाशिवरात्रि के अवसर पर देवता को प्रणाम करने का आह्वान भी किया गया है।
पाठक ने कहा कि ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर महाराष्ट्र में है न कि असम में।
उन्होंने कहा कि असम सरकार के कृत्य ने पुजारियों के निकाय के सदस्यों के साथ-साथ भगवान शिव के भक्तों की भावनाओं को आहत किया है।