जरुर पढ़िए – असम के एक गरीब परिवार की दर्दनाक कहानी
रंगिया
एक गरीब परिवार का विशेष रूप से सक्षम उनका बेटा ही माँ-बाप के लिए अभिशाप बन गया है| यह दर्दनाक कहानी असम के रंगिया नामक स्थान की है| निचले असम के रंगिया में एक ऐसा परिवार है जिसे अपनी गरीबी की वजह से न चाहते हुए भी जीव-जंतुओं की तरह अपने बेटे को बांधकर रखना पड़ रहा है|
खेलने-कूदने की उम्र में ही इस लड़के को परिवार की गरीबी की वजह से घर में ही कैद रहना पड़ रहा है| रंगिया के हीरागाटा का यह लड़का बंधन से मुक्त होने की जी-जान से कोशिश में जुटा रहता है| लड़के का पिता मजदूरी करके घर चलाता है| यह 10 वर्षीय लड़का अपने माता-पिता की दूसरी संतान है| जन्म के बाद ही वह अस्वस्थ हो गया था| लेकिन धन के अभाव में उचित चिकित्सा से वंचित होकर वह शारीरिक और मानसिक रूप से भी अस्वस्थ हो गया|
यह बच्चा न तो बोल सकता है और ना ही अपने कमजोर पैरों पर खड़ा हो सकता है| करीब दो साल की उम्र से ही उसे इस तरह बांधकर रखा गया है| परिवार से मिलने गए पत्रकार द्वारा बच्चे को थोड़ी देर के लिए बंधन से मुक्त करने के आग्रह के बाद जब उसे मुक्त किया गया तो वह ख़ुशी से झूम उठा| उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानों पिंजरा तोड़कर पक्षी नीले आसमान की उड़ान भर रहा हो|
बंधन मुक्त होते ही उसने प्यार से अपने माता-पिता को गले लगा लिया| अपने माता-पिता की गोद में आने को बच्चा व्याकुल हो उठा|
महज गरीबी की वजह से इस तरह हमउम्र के बच्चों के साथ खेलने की उम्र में इस लड़के को बंधक की जिंदगी गुजारनी पड़ रही है| गरीब परिवार ने बच्चे के उचित इलाज के लिए सह्रदय लोगों से मदद की गुहार लगाई है|