असम के विकास में सभी सहयोग करें – मुख्यमंत्री
शिवसागर
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि असम के विकास में सभी को सहयोग करना होगा| चाऊलुंग चुकाफा द्वारा गठित वृहत्तर असमिया जाति को विश्व में एक खास पहचान दिलाने के लिए हमें काफी त्याग करना पड़ेगा| असमिया जाति के त्याग की कर्मभूमि ऐतिहासिक जेरेंगापथार में जो भी आया है वो धन्य हो गया|
असम साहित्य सभा के शताब्दी अधिवेशन के चौथे दिन खुली सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में विकास की काफी संभावना है और इसके लिए असम की सभी जाति-जनजाति को मिलकर काम करना होगा| असम साहित्य सभा को भी जाति के विकास के लिए कार्य करने वाले सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा, क्योंकि हमें असमिया जाति और संस्कृति को एक भौगोलिक सीमा में बांधकर नहीं, बल्कि विश्व में ले जाना होगा|
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्यकार पद्मनाथ गोहाईं बरुवा और अन्य साहित्यकारों ने जब आज से सौ साल पहले शिवसागर में असम साहित्य सभा का गठन किया था तो उनका एक ही उद्देश्य था कि असम में बसने वाले सभी जनजाति के बीच भाईचारा और सद्भाव की भावना को विकसित कर एक शक्तिशाली असमिया जाती गठन किया जा सके| उन्होंने कहा कि असम में विकास की काफी संभावना है और हमारे पास बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधन भी हैं| इन संसाधनों को वैज्ञानिक तरीके से इस्तेमाल कर हम असम को भारत ही नहीं, बल्कि विश्व में भी एक ऊँचा स्थान दिला सकते है|
उन्होंने कहा कि महापुरुष शंकरदेव, माधवदेव और अजानपीर ने इस पावन भूमि में सदैव भाईचारे का संदेश दिया है और लाचित बरफूकन, चिलाराय जैसे महावीरों ने इसी भूमि पर वीरता को प्रदर्शित किया| सोनोवाल ने कहा कि हम असम के विकास के लिए काम कर रहे है और आप लोगों से अनुरोध है कि हमारे कार्य पर पूरी नजर रखें|